खजुराहो की इन दिलचस्प चीजों की वजह से, दुनियाभर के पर्यटक सिर्फ यहां घूमने के लिए करते हैं लाखों खर्चा

यूनेस्को की विश्व धरोहर, खजुराहो मंदिर अपनी कामुक मूर्तियों के लिए सबसे ज्यादा मशहूर है। सुंदर मूर्तियों की भूमि, मध्य प्रदेश में खजुराहो दुनियाभर में यात्रियों को बेहद आकर्षित करता है। पर्यटन के रूप में खजुराहो मध्य प्रदेश का महत्वपूर्ण हिस्सा होने के नाते, यह जगह बीते युग के इतिहास और संस्कृति के बारे में काफी कुछ बताती है। खजुराहो अपनी कामुक मूर्तियों के अलावा भी अपनी कई चीजों से दुनियाभर के पर्यटकों को आकर्षित करता है, जो हजारों लाखों का खर्च करके यहां घूमने के लिए आते हैं। चलिए खजुराहो के बारे में कुछ रोचक तथ्यों के बारे में आपको बताते हैं –

खजुराहो में हैं केवल 10% कामुक मूर्तियां –

आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि अपनी कामुक मूर्तियों के लिए प्रसिद्ध होने के बावजूद, मंदिर परिसर की केवल 10% नक्काशी यौन गतिविधियों को दर्शाती हैं। बाकी 90% उस समय के दौरान रहने वाले आम लोगों के जीवन को प्रदर्शित करने वाली सामान्य नक्काशी हैं। कामुक मूर्तियों के अलावा यहां कुम्हारों, संगीतकारों, किसानों और महिलाओं की मूर्तियां शामिल हैं, लेकिन उन नक्काशियों के बारे में कोई भी बात नहीं करता।

खजुराहों मंदिर की खोज -

खजुराहों मंदिर की खोज –

मंदिर एक हजार साल से भी ज्यादा पुराना है, लेकिन ऐसी खूबसूरती को दुनिया के सामने पेश करने के लिए आप कैप्टन टी.एस. बर्ट को धन्यवाद कह सकते हैं, जिन्होंने 1838 में इन मंदिरों को ‘फिर से खोजा’ और विश्व के सामने लेकर आए। एक ब्रिटिश सेना के कप्तान, बर्ट एक ऑफिशयल जिम्मेदारी की वजह से खजुराहो में थे और एक अज्ञात जगह के बारे में जानकारी प्राप्त कर रहे थे, ये खोज उन्हें इन छिपे हुए मंदिरों की ओर ले गई।

बचे हुए मंदिर –

12वीं शताब्दी तक लगभग 85 मंदिर थे, लेकिन 13वीं शताब्दी में इनमें से कुछ को नष्ट कर दिया गया था। आज परिसर में केवल 22 मंदिर बचे हैं।

खजुराहो का नाम कैसे पड़ा –

खजुराहो नाम हिंदी शब्द खजूर से लिया गया है। ऐसा कहा जाता है कि एक बार शहर सिर्फ और सिर्फ खजूर के पेड़ों से ही घिरा हुआ था, जिस वजह से इसका नाम खजुराहो रखा गया। लेकिन एक और कहानी है, जिसमें कहा गया है कि नाम की उत्पत्ति खजुरा-वाहक (बिच्छू वाहक) से हुई है, जो शिव का एक प्रतीकात्मक नाम है।

मंदिरों का निर्माण कब हुआ था –

ये विश्व प्रसिद्ध भारतीय मंदिर चंदेल वंश के दौरान बनाए गए थे और ज्यादातर मंदिरों का निर्माण 950 और 1050 ईस्वी के बीच हिंदू राजाओं यासोवर्मन और धंगा के शासनकाल के दौरान किया गया था।

खजुराहो में मध्यकालीन मंदिरों का सबसे बड़ा समूह है –

हां, खजुराहो परिसर भारत में मध्यकालीन हिंदू और जैन मंदिर में सबसे ज्यादा हैं। ये मंदिर अपनी स्थापत्य सुंदरता और कामुक मूर्तियों के लिए फेमस है।

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