सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) चीफ ओम प्रकाश राजभर भी क्या अखिलेश यादव को झटका देकर पाला बदलेंगे? ओपी राजभर ने बुधवार को लखनऊ के वीवीआईपी गेस्ट हाउस में भाजपा के दो दिग्गज नेताओं से मुलाकात की है। योगी सरकार के परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह और केंद्रीय मंत्री कौशल किशोर से बंद कमरे में करीब 2 घंटे तक चली मुलाकात के बाद एक बार फिर अटकलें तेज हो गई हैं।
ओपी राजभर अपने बेटों अरुण राजभर और अरविंद राजभर के साथ मुलाकात करने पहुंचे थे। बैठक के बाद राजभर ने यह कहकर अटकलों को खारिज करने की कोशिश की कि वह अपने क्षेत्र के कुछ काम के सिलसिले में मिलने के लिए आए थे। वहीं, दयाशंकर सिंह ने भी कहा कि ओपी राजभर एक बस डिपो की मांग को लेकर आए थे। हालांकि, उनसे जब राजभर के भाजपा संग आने की संभावना को लेकर पूछा गया तो उन्होंने कहा कि राजनीति में संभावनाएं कभी खत्म नहीं होती हैं।
सवाल उठ रहा है कि यदि ओपी राजभर एक विधायक के तौर पर अपने क्षेत्र के कामकाज के लिए मिलने गए थे तो मंत्री के कार्यालय क्यों नहीं गए? इस तरह गेस्ट हाउस मुलाकात के दूसरे मायने भी तलाशे जा रहे हैं। राजभर के दोनों बेटे भी साथ थे, जोकि सुभासपा के पदाधिकारी हैं। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि यदि राजभर को अपने क्षेत्र से संबंधित किसी काम के सिलसिले में मिलना था तो उनके बेटे क्यों गए थे? यह मुलाकात ऐसे समय पर हुई जब पिछले दिनों राजभर की गृहमंत्री अमित शाह से भी मुलाकात की खबरें सामने आईं थीं। हालांकि, तब सुभासपा प्रमुख ने इसका खंडन करते हुए कहा था कि वह सपा के साथ बने रहेंगे।
उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव के बाद से ही सपा गठबंधन में बगावत का दौर शुरू हो गया था। अखिलेश यादव के चाचा और प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के प्रमुख शिवपाल यादव बगावत का झंडा बुलंद कर चुके हैं तो दिग्गज मुस्लिम नेता आजम खान का परिवार भी खुलकर नाराजगी जाहिर कर रहा है। योगी सरकार में मंत्री रह चुके योपी राजभर को लेकर भी लंबे समय से अटकलें लग रही हैं।