छत्तीसगढ़ के बस्तर में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए आज से ठीक 12 साल पहले शुरू किए गए 600 बिस्तर के मेडिकल कॉलेज सह अस्पताल में सेवाएं दे रहे इंटर्न डॉक्टरो की सेवा शनिवार को समाप्त हो जाएगी, क्योंकि इन डॉक्टरों के इंटर्नशिप का आज अंतिम दिन है. दरअसल इनका रिनिवल कर पोस्टिंग मेडिकल कॉलेज जगदलपुर में नहीं कर दूसरे मेडिकल कॉलेज में कर दिया गया है, इसलिए अब बस्तर संभाग का सबसे बड़ा अस्पताल और एकमात्र मेडिकल कॉलेज केवल 55 डॉक्टरों के भरोसे ही रह गया है.
इधर प्रशासन ने भी इतनी बड़ी संख्या में इंटर्नशिप करने वाले डॉक्टरों के शनिवार को चले जाने से कोई वैकल्पिक व्यवस्था भी नहीं की है, जिसके चलते अब मेडिकल कॉलेज सह अस्पताल में संभाग के 7 जिलों से पहुंचने वाले मरीजों का इलाज भगवान भरोसे हो गया है.
72 इंटर्न डॉक्टरों की शनिवार को हुई सेवा समाप्त
दरअसल जगदलपुर शहर से लगे डिमरापाल में मौजूद 600 बिस्तर वाले इस शहीद महेंद्र कर्मा जिला अस्पताल और मेडिकल कॉलेज में अब तक 130 डॉक्टर अपनी सेवाएं देते आ रहे थे, लेकिन आज शनिवार को इन डॉक्टरों में से लगभग 72 इंटर्न डॉक्टरो की सेवा मेडिकल कॉलेज में समाप्त हो जाएगी, और जिनकी इंटर्नशिप खत्म हो रही है. उन सभी को दूसरे मेडिकल कॉलेज में पोस्टिंग भी मिल चुकी है, ऐसे में अब बस्तर संभाग के सबसे बड़े अस्पताल 55 डॉक्टरों के ही भरोसे रह गया है.
मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. यू.एस. पैकरा ने दी ये जानकारी
इसकी जानकारी देते हुए मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. यू.एस. पैकरा ने बताया कि सभी इंटर्न डॉक्टरों की पोस्टिंग दूसरे जगहों पर की जा चुकी है, डॉक्टर मिलते ही नहीं है इसलिए स्वशासी समिति के भी हाथ भी खाली हैं. इधर बस्तर के जानकारों का कहना है कि मेडिकल कॉलेज के स्वशासी समिति को इस दिशा में पहले से प्रयास शुरू कर देना चाहिए था और इनमें से आधे डॉक्टरों की भी पोस्टिंग फिर से जगदलपुर में कर दी जाती तो हालात इतने नहीं बिगड़ते, जितनी कि अब संभावना नजर आ रही है. अगर तत्काल कोई निर्णय इस बारे में नहीं लिया गया तो यह साफ है कि जगदलपुर के अस्पताल की व्यवस्था चौपट हो जाएगी और यहां बेहतर इलाज का भरोसा लिए आने वाले मरीजों को खाली हाथ लौटने की नौबत रहेगी.
कम सैलेरी की वजह से नहीं रुकना चाहते डॉक्टर्स
दरअसल इन डॉक्टरों के इंटर्नशिप खत्म होने से यहां से दूसरे मेडिकल कॉलेज जाने के पीछे वजह डॉक्टर कम सैलेरी मिलना बता रहे हैं. डॉक्टरों का कहना है कि मेडिकल कॉलेज खुले 12 साल बीत जाने के बाद भी डॉक्टरों के वेतन में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है. नियमित पोस्टिंग के अभाव में मेडिकल कॉलेज की पूरी व्यवस्था संविदा डॉक्टरों के भरोसे चल रही है. यह भी जानकारी मिली है कि राज्य में इस समय सबसे कम वेतन जगदलपुर मेडिकल कॉलेज के ही डॉक्टरों को मिल रहा है और यहां से ज्यादा वेतन दुर्ग, रायपुर, रायगढ़, बिलासपुर के मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर ले रहे हैं, इस वजह से कोई डॉक्टर बस्तर में सेवा भी नहीं देना चाह रहा है.
कलेक्टर ने कही ये बात
इधर इस मामले में बस्तर कलेक्टर रजत बंसल का कहना है कि इंटर्नशिप करने वाले डॉक्टरों के बस्तर से जाने की सूचना शासन स्तर पर दे दी गई है, और निश्चित तौर पर इतनी बड़ी संख्या में डॉक्टरों के जाने से अस्पताल में इलाज संबंधी व्यवस्था भी चरमराने की आशंका है, ऐसे में जल्द से जल्द वैकल्पिक व्यवस्था किए जाने का भी निवेदन किया गया है. उम्मीद है कि जल्द से जल्द नये डॉक्टरों की नियुक्ति हो पाएगी.