अंबिकापुर। आंधी से तबाह हुई मैनपाट की बिजली व्यवस्था चौथे दिन तक बहाल नहीं हो पाई है। यहां की आधी आबादी लगातार चार दिन से बिजली से वंचित है। सबसे ज्यादा क्षतिग्रस्त सरभंजा और नर्मदापुर फीडर में खंभे और तार लगाने का काम मंगलवार देर शाम तक चलता रहा लेकिन अंधेरा होने के कारण काम पूरा नहीं हो पाया। चौथे दिन भी बिजली कर्मचारी सुधार कार्य में जुटे हैं। विभाग का कहना है कि आज दोपहर तक बंद पड़े दोनों फीडर से बिजली सप्लाई शुरू कर दी जाएग
बता दें कि रविवार शाम मैनपाट में आए तेज आंधी तूफान के कारण चारों ओर काफी तबाही मची थी। करीब डेढ़ सौ की संख्या में पेड़ टूट के बिजली के खंभे और तार पर गिर गए थे। इससे समूचे मैनपाट इलाके की बिजली व्यवस्था ध्वस्त हो गई थी। सबस्टेशन रोपाखार से निकले चार फीडरों में बिजली आपूर्ति बंद ही गई। विभाग ने यहां युद्ध स्तर पर सोमवार से काम शुरू किया था। करीब 50 की संख्या में 11 केवी और एलटी लाइन के खंभे क्षतिग्रस्त हुए थे। सोमवार रात तक काम चलता रहा।
सपनादर और कमलेश्वरपुर फीडर में सप्लाई चालू कर दी गई लेकिन सबसे ज्यादा प्रभावित सरभंजा और नर्मदापुर फीडर में बिजली आपूर्ति शुरू नहीं हो पाई। विद्युत विभाग ग्रामीण के कार्यपालन अभियंता रोशन नागवंशी ने बताया कि विद्युत विभाग की टीम मंगलवार देर शाम तक बाकी बचे दो अन्य फीडरों को दुरुस्त करके जुटी रही लेकिन अंधेरा होने के कारण काम रोकना पड़
मैनपाट के सरभंजा और नर्मदापुर फीडर में बाकी बचे काम को आज विद्युत विभाग हर हाल में निपटाने की तैयारी में है। कार्यपालन अभियंता ग्रामीण नागवंशी के अनुसार भोर में पांच बजे से विद्युत विभाग की चार टीमें अलग-अलग स्थानों पर बाकी बचे काम को समाप्त करने लगी हुई है। मंगलवार को देर शाम तक काम चलता रहा लेकिन अंधेरा होने के कारण मजबूरन काम रोकना पड़ा। आज दोपहर तक दोनों फीडर का काम पूरा होने के बाद लाइन टेस्टिंग की जाएगी और इसके बाद पूरे इलाके में बिजली सप्लाई शुरू कर दी जाएगी। बता दें कि सरभंजा और नर्मदापुर फीडर में ही आंधी का सबसे ज्यादा प्रभाव पड़ा है। इस इलाके में करीब 18 गांव हैं जहां अंधेरा छाया हुआ है। यह इलाका हाथी प्रभावित भी है लिहाजा ग्रामीण ज्यादा डरे हुए हैं।