अंबिकापुर। बलरामपुर जिले के वाड्रफनगर वन परिक्षेत्र अंतर्गत ग्राम अलका से लगे जंगल में वन्य प्राणी ने पांच मवेशियों का शिकार किया है।दो गाय घायल अवस्था में मिली है। एक साथ पांच मवेशियों का शिकार करने वाले वन्य प्राणी के बाघ होने की संभावना वन विभाग जता रहा है। आसपास के गांवों में लोगों को सतर्क किया जा रहा है। लगातार मुनादी कराई जा रही है कि ग्रामीण जंगल की ओर न जाएं। वाड्रफनगर वन परिक्षेत्र का यह इलाका तमोर पिंगला अभयारण्य से जुड़ा हुआ है ।अभयारण्य की सीमाएं छत्तीसगढ़ के गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान से जुड़ी हुई हैं। गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान में बाघ की उपस्थिति के प्रमाण पहले ही मिल चुके हैं।
गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान भी मध्य प्रदेश के संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान से जुड़ा हुआ है। गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान के बाद पूर्व में भी बलरामपुर जिले के रघुनाथनगर, वाड्रफनगर होते हुए सेमरसोत अभयारण्य तक जा चुके हैं। वर्ष में एक – दो बार बाघ का मूवमेंट इस इलाके में होता है, इसलिए पूरी संभावना जताई जा रही है कि बाघ द्वारा ही मवेशियों का शिकार किया गया है. क्षेत्र में तेंदुआ भी है लेकिन वन अधिकारियों का मानना है कि तेंदुआ एक साथ इतनी संख्या में मवेशियों का शिकार नहीं करता। बाघ की उपस्थिति के प्रमाण के लिए पदचिन्ह देखे जा रहे हैं। साथ ही ट्रैप कैमरे लगाने की भी योजना है।कैमरे से स्पष्ट हो जाएगा कि वाड्रफनगर वन क्षेत्र में विचरण कर रहा वन्य प्राणी बाघ है अथवा तेंदुआ। बलरामपुर वन मंडलाधिकारी विवेकानंद झा ने बताया कि इस क्षेत्र में साल में एक बार बाघ का विचरण पूर्व के वर्षों में होता रहा है। ऐसे में इस संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता कि बाघ ने ही पांच मवेशियों का एक साथ शिकार किया है।