पीएम नरेंद्र मोदी को लेकर गुलाम नबी आजाद का बड़ा बयान…

 

नई दिल्ली: राहुल गांधी पर हमला बोल कर कांग्रेस छोड़ने वाले गुलाम नबी आजाद ने एक बार फिर से तेवर दिखाए हैं। यही नहीं इस बार उन्होंने कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी पर ही हमला बोल दिया है। उन्होंने सोमवार को एएनआई से बातचीत में कहा कि अब तो कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक की अध्यक्षता ही विदेश से हो रही है। यदि ऐसा ही था तो फिर बैठक करके जा सकते थे। कांग्रेस कैसे खड़ी होगी, जब अध्यक्ष के पास ही टाइम नहीं है। जो मेरी टाइमिंग की बात करते हैं, उन लोगों के पास कांग्रेस के लिए टाइम ही कहां है। बता दें कि सोनिया गांधी इलाज के उद्देश्य से विदेश में हैं। उनके साथ ही राहुल गांधी और प्रियंका गांधी भी विदेश गए हैं।

गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस को लेकर कहा कि घर गिर रहा है और अब खंभे भी गिर रहे हैं। उसमें दबकर मरने से अच्छा है कि बाहर निकल जाएं। जिन लोगों को सती होना है, वे वहां रहें। राज्यसभा सीटों को लेकर भी गुलाम नबी आजाद ने हमला बोला और कहा कि कुछ लोग अजेंडा सेट करने के लिए उच्च सदन गए हैं। गुलाम नबी आजाद ने कहा कि मैंने जब सोनिया गांधी को पार्टी में सुधार के लिए चिट्ठी लिखी थी तो मैं 6 दिनों तक सो नहीं पाया था। मैंने जिस पार्टी को खून देकर खड़ा किया था, उसके लिए ऐसा करना चिंता की बात थी। कांग्रेस के नए नेताओं को लेकर गुलाम नबी आजाद ने कहा कि आज जो हैं वो तो कहीं की ईंट और कहीं का रोड़ा हैं। वे आज लोग हम जैसे कांग्रेसियों को पर सवाल उठा रहे हैं। इन प्रवक्ताओं को हमारे बारे में भी कुछ मालूम नहीं है। गांधी और नेहरू के इतिहास के बारे में क्या जानेंगे।

इस मौके पर गुलाम नबी आजाद ने पीएम नरेंद्र मोदी की भी जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि मैं समझता था कि मोदी जी क्रूड आदमी हैं। उन्होंने शादी नहीं की और बच्चे नहीं हैं तो उन्हें किसी की परवाह नहीं होगी। लेकिन उन्होंने इंसानियत दिखाई है। जब गुजरातियों की एक बस पर कश्मीर में हमला हुआ था तो लोगों के चिथड़े उड़ गए थे। उस दौरान मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी का फोन आया था और मैं चिल्ला रहा था। भावुक था और फूट-फूटकर रो रहा था। इसी बात पर पीएम नरेंद्र मोदी ने संसद में बात की थी। उनके कहने का यह मतलब नहीं था कि गुलाम नबी आजाद के जाने के बाद उनका खाना कैसे हजम होगा।

इंदिरा गांधी और संजय गांधी के करीबी होने को लेकर गुलाम नबी आजाद ने कहा कि मैं 30 साल से सोनिया गांधी की जैसी इज्जत करता था, उतनी ही है। आजाद ने कहा कि हमने एक लंबे अरसे तक राहुल गांधी को सफल नेता बनाने का प्रयास किया, लेकिन ऐसा नहीं हो सका। 137 सालों के इतिहास में पहली बार कांग्रेस वर्किंग कमेटी की अध्यक्षता विदेश से हो रही है। यदि ऐसा ही था तो फिर बैठक करके जा सकते थे। कांग्रेस कैसे खड़ी होगी, जब अध्यक्ष के पास ही टाइम नहीं है। जो मेरी टाइमिंग की बात करते हैं, उन लोगों के पास कांग्रेस के लिए टाइम ही कहां है।

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