युद्धपोत का निर्माण कार्य आरंभ, भारतीय नौसेना की बढ़ेगी ताकत

 

नई दिल्ली: केरल के कोच्चि स्थित कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड (CSL) पनडुब्बी-विनाशक पोत (Anti-Submarine Warfare Shallow Craft-ASW SWC) परियोजना पर काम शुरू कर दिया है. इसके तहत छठवें और सातवें जहाजों (BY-528 व BY-529) के निर्माण का काम यान इस्पात की कटाई 30 अगस्त, 2022 को शुरू हो गई है. इस मौके पर नौसेना के वाइस एडमिरल किरण देशमुख, सीएएसएल के प्रमुख मधु एस नायर समेत कई अन्य अधिकारी मौजूद थे.

किसी भी युद्धपोत के निर्माण के लिए इस्पात की कटाई-ढलाई के काम की शुरूआत एक महत्त्वपूर्ण पड़ाव होता है, क्योंकि इसी दिन से युद्धपोत के निर्माण की तैयारी होने लगती है. CSL में इन जहाजों का निर्माण ‘आत्मनिर्भर भारत’ की भावना को बल देगा. पनडुब्बी-विनाश का सक्षम माध्यम होने के नाते ये पोत भारतीय नौसेना की पनडुब्बी-रोधी युद्ध क्षमताओं को और बढ़ाएंगे. राष्ट्र के समुद्री हितों की रक्षा करने में अपनी भूमिका निभाएंगे.

असल में पनडुब्बी-विनाशक पोत (Anti-Submarine Warfare Shallow Craft) खास तरह के कॉर्वेट्स (Corvettes) होते हैं. भारत के पास कमोर्ता क्लास, कोरा क्लास, खुकरी क्लास, वीर क्लास और अभय क्लास के कुल मिलाकर 22 कॉर्वेट्स हैं. इसमें सबसे भारी है कमोर्ता क्लास के कॉर्वेट्स. 3300 टन वजनी INS Kamorta एक एंटी सबमरीन वॉरफेयर जहाज है.

कॉर्वेट्स में ऐसी तकनीक होती है जो पनडुब्बियों को खोज-खोजकर उन्हें टॉरपीडो या रॉकेट लॉन्चर से मारकर नष्ट कर देती है. इसके रडार सिस्टम और इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर एंड डिकॉय सिस्टम अत्याधुनिक हैं. इसमें रैपिड गन माउंट, AK-630 गन, वर्टिकल लॉन्च शॉर्ट रेंज सरफेस टू एयर मिसाइल भी तैनात की गई है. इसके अलावा एंटी-सबमरीन रॉकेट लॉन्चर भी है.

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