कांग्रेस अध्यक्ष के लिए वोट डालकर बोले संदीप दीक्षित- ‘मुझे आपकी पार्टी से कोई लेना देना नहीं’, जानें वजह

 

Congress President Election 2022: कांग्रेस के भीतर नेताओं के मतभेद अध्यक्ष चुनाव के दिन भी देखने को मिले. पूर्व सांसद और शीला दीक्षित के बेटे संदीप दीक्षित वोट देने के बाद अपनी नाराजगी दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अनिल चौधरी पर दिखाने से नहीं चूके. अनिल चौधरी ने जब संदीप दीक्षित को चाय पीने के लिए रोका तो उन्होंने जवाब दिया कि आपकी पार्टी से हमें कोई लेना देना नहीं है. यह कहकर वह वहां से चले गए. यह मामला मीडिया में आने के बाद कांग्रेस नेता ने सफाई दी है.

नई दिल्ली. दिल्ली कांग्रेस के बीच का मतभेद कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव की वोटिंग के दौरान भी देखने को मिला. पार्टी के पूर्व सांसद और शीला दीक्षित के बेटे संदीप दीक्षित अध्यक्ष चुनाव में वोट देने के बाद अपनी नाराजगी दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अनिल चौधरी पर दिखाने से नहीं चूके. बताते हैं कि संदीप दीक्षित जब वोट देकर निकले तो अनिल चौधरी प्रदेश कांग्रेस के दूसरे नेताओं के साथ चाय पी रहे थे. अनिल चौधरी ने शिष्टाचार दिखाते हुए अपनी कुर्सी से उठकर संदीप दीक्षित को अपने बीच आमंत्रित किया, लेकिन संदीप दीक्षित चलते हुए बोले कि आपकी पार्टी से मुझे कुछ लेना देना नहीं है. संदीप के इस जवाब ने वहां बैठे कई नेताओं को चौंका दिया.

दरअसल, अनिल चौधरी पूर्व विधायक नसीब सिंह, दिल्ली महिला कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष शर्मिष्ठा मुखर्जी के अलावा कुछ दूसरे नेताओं के साथ चाय पी रहे थे. प्रदेश कांग्रेस कार्यालय की पिछली गेट से जैसे ही संदीप दीक्षित को बाहर निकलते हुए देखकर नसीब सिंह ने अनिल चौधरी से संदीप दीक्षित को बुलाने का अनुरोध किया. दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष अनिल चौधरी अपनी कुर्सी से उठकर संदीप दीक्षित के पीछे गए और कहा आइए, लेकिन संदीप दीक्षित अपना जवाब देकर निकल गए.

संदीप ने फिर यूं किया अपने ही बयान से बचाव
जब संदीप दीक्षित से फोन पर इस बारे में पूछा तो उनका कहना था कि पार्टी का मतलब कांग्रेस से नहीं बल्कि वो अनिल चौधरी को कह रहे थे. संदीप दीक्षित ने कहा कि अगर कांग्रेस से मतलब नहीं होता तो वोट देने क्यों जाता. संदीप दीक्षित दिल्ली प्रदेश कार्यालय में सवा दो बजे के आसपास वोट देने पहुंचे थे.

प्रदेश मुख्यालय को ही बनाया गया था पोलिंग बूथ

देशभर में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद को लेकर मतदान हुआ और राज्यों के कांग्रेस प्रदेश मुख्यालय में भी पोलिंग बूथ बनाया गया था. यह इसलिए ताकि प्रदेश से जुड़े मतदाता या कांग्रेस डेलीगेट अपना वोट डाल सकें. दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में भी मतदान की व्यवस्था की गई और दिल्ली प्रदेश से जुड़े ज्यादातर मतदाताओं ने अपना वोट प्रदेश कार्यालय में ही बने पोलिंग बूथ पर दिया. दिल्ली में कुल 280 मतदाता हैं. इनमें से ज्यादातर लोगों ने अपना वोट प्रदेश मुख्यालय में ही दिया.

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