प्रयागराज सोरांव के शिवगढ़ इलाके के रहने वाले अग्रहरि परिवार के 6 लोगों की मौत हंडिया के पास एक सड़क हादसे में हो गई. इस हादसे के बाद किसी ने अपनी पत्नी खो दी तो किसी की बेटी दुनिया छोड़कर चली गई. वहीं, इसी अग्रहरि परिवार की बहू गीता की मौत के बाद उसके 4 बच्चे भी अनाथ हो गए. दरअसल, गीता के पति की मौत 3 साल पहले हो गई थी. बच्चों को मां का सहारा था.
श्याम लाल अग्रहरि के तीसरे बेटे दिनेश अग्रहरि की तीन साल पहले मौत हो गई थी. पत्नी कविता ही शायली उम्र 14 वर्ष, गुड़िया उम्र 12 वर्ष, काजल उम्र 10 वर्ष और शेष उम्र 5 वर्ष का लालन-पालन कर रही थी. गुरुवार को विंध्याचल जाने के लिए कविता अपने बच्चों को गाड़ी में जगह नहीं होने के कारण नहीं ले गई थी. हादसे में कविता की भी मौत की जैसे ही जानकारी हुई चारों बच्चे बिलख पड़े. उन्हें समझ ही नहीं आ रहा था, उनके साथ भगवान ने ये कर दिया.
शायली गुमसुम हो गई. उसके आंसू जैसे थम गए थे. उसे समझ नहीं आ रहा था कि अब हम भाई-बहनों को कौन देखेगा. वहीं हादसे की जानकारी होने पर गांव के आसपास और रिश्तेदार भी पहुंच गए. इन लोगों ने परिवार के अन्य लोगों को ढांढस बंधाने की कोशिश की, पर उनके भी आंसू छलके उठे. शिवगढ़ इलाके में दिन में अधिकांश दुकानें बंद रहीं. गांव में तमाम घरों में चूल्हे नहीं जले. जिसे देखो वह परिवार की ही बात कर रहा था कि छोटे छोटे बच्चों का अब क्या होगा.
संजय और रमेश के बच्चों के सिर से उठा मां का साया
श्याम लाल अग्रहरि के बड़े बेटे संजय की पत्नी रेखा और दूसरे नंबर के बेटे रमेश की पत्नी रेखा देवी की भी हादसे में मौत हो गई. रमेश की बेटी न्यासा ने भी हादसे में स्वरूप रानी अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया. न्यासा के अलावा रमेश के अन्य बच्चे निशि उम्र 16 वर्ष, अलख उम्र 18 वर्ष और निकिता उम्र 4 वर्ष हैं. सभी बच्चों का रो रोकर बुरा हाल था. संजय के बच्चे शिवम उम्र 17 वर्ष, नेहा उम्र 13 वर्ष और नैंसी उम्र 09 वर्ष के भी आंसू नहीं रुक रहे थे.