पसंद-नापसंद की नियुक्तियां पार्टी को बनाती हैं खोखला: कांग्रेस अध्यक्ष खरगे

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने संगठन की पहली ही बैठक में पदाधिकारियों के कामकाज के तौर तरीके को लेकर अपना रुख स्पष्ट कर दिया। उन्होंने कहा कि पार्टी में पद और नियुक्ति शोभा की वस्तु न बनकर रह जाए और पार्टी को लाभ न हो। बदली कांग्रेस पार्टी ने तय किया है कि जिन नेताओं को जिम्मेदारी सौंपी जाएगी, हर छह में उनके कामकाज की समीक्षा भी होगी। बैठक में खरगे ने कहा कि व्यक्तिगत पसंद-नापसंद के आधार पर होने वाली नियुक्तियां संगठन को इस तरह से खोखला बना देती हैं कि हमें पता भी नहीं चलता। इससे सच्चे और समर्पित कार्यकर्ताओं में निराशा और उदासीनता पैदा होती है।

शुक्रवार को दिल्ली में कांग्रेस महासचिव, राज्यों के मुख्यमंत्री, प्रदेश अध्यक्ष, विधानसभा में विपक्ष के नेताओं की बैठक में भारत जोड़ो यात्रा के बाद हाथ से हाथ जोड़ो यात्रा को लेकर तैयारी चर्चा हुई। बैठक में महासचिव संगठन केसी वेणुगोपाल, कोषाध्यक्ष पवन कुमार बंसल, सीएम अशोक गहलोत और भूपेश बघेल के साथ सभी राज्यों के प्रभारी, महासचिव, प्रदेश अध्यक्ष और विधायक दल के नेता शामिल हुए। खरगे के अध्यक्ष बनने के बाद पहली औपचारिक बैठक थी।

पदाधिकारियों के प्रदर्शन की हो समीक्षा
खरगे ने स्टीयरिंग कमेटी का हवाला देते हुए कहा कि मैंने उसमें भी ऊपर से नीचे तक संगठनात्मक जवाबदेही की बात की थी। मैं उसमें एक बात और जोड़ना चाहता हूं, प्रदर्शन की समीक्षा। ऐसा न हो कि नियुक्तियां केवल शोभा की वस्तु बनी रह जाए और पार्टी को फायदा न हो। सभी नियुक्तियों के 6-6 महीने बाद उस पदाधिकारी के कार्य का आकलन जरूर करें। आवश्यक हो तो इन नियुक्तियों की समीक्षा या पुनर्विचार भी करें।

सभी वर्गों को मिले प्रतिनिधित्व
उन्होंने कहा कि अभी प्रदेशों में ब्लॉक और जिला स्तर पर नियुक्तियां होनी हैं। प्रदेश की समितियों के गठन में इस बात पर विशेष ध्यान रहे कि सभी वर्गों का प्रतिनिधित्व हो जिससे हर व्यक्ति अपने आपको पार्टी से जुड़ा हुआ महसूस करे।

घर-घर राहुल गांधी का पत्र पहुंचाएंगे
खरगे ने बैठक में कहा कि लोगों को जोड़ने के लिए हर घर तक कांग्रेस अध्यक्ष और राहुल गांधी का पत्र दे सकते हैं। पत्र बांटते समय हमारे साथी उन घरों के सदस्यों की बेसिक जानकारी एकत्र करेंगे। जो बाद में पार्टी के काफी काम आएगी। कर्नाटक में हाथ से हाथ जोड़ो अभियान एक जनवरी से और 26 जनवरी के बाद सभी राज्यों में लागू किया जा सकता है।

चर्चा से भागती रही सरकार
बैठक में खरगे ने संसद सत्र को लेकर कहा, जनता के मुद्दों को हमने अपने स्तर पर उठाने का प्रयास किया। सरकार को हमारी बात सुननी चाहिए थी और बहस कराना चाहिए था लेकिन सदन में न नियम माने गए न प्रक्रिया का पालन हुआ। समूचा विपक्ष राष्ट्रीय सुरक्षा, महंगाई- बेरोजगारी पर चर्चा की मांग करता रहा और सरकारी पक्ष किसी न किसी मनगढ़ंत बहाने से लगातार चर्चा से भागता रहा। आप अपने क्षेत्रों में लौट कर वहां की जनता को हकीकत बताएं।

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