Sena Vs Sena: महाराष्ट्र में शिवसेना बनाम शिवसेना का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। सोमवार को उद्धव ठाकरे गुट ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष अपनी याचिका पर तत्काल सुनवाई की मांग की। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने शिवसेना के उद्धव ठाकरे गुट के वकील से कहा कि वे मंगलवार को इसका जिक्र करें।
भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पीठ ने पाया कि तत्काल सुनवाई वाली याचिका की लिस्ट में उद्धव गुट की याचिका का उल्लेख नहीं था। कोर्ट ने कहा कि तत्काल सुनवाई की मांग वाली याचिका लिस्ट में होनी चाहिए थी। कोर्ट ने वकील को मंगलवार को आने और इसका जिक्र करने को कहा। बता दें कि सीनियर वकील अभिषेक एम सिंघवी ने चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ याचिका का उल्लेख किया है।
बता दें कि उद्धव गुट की ओर से दाखिल याचिका में निर्वाचन आयोग के उस फैसले का विरोध किया गया है जिसमें शिवसेना पार्टी का नाम और चुनाव चिन्ह एकनाथ शिंदे वाले गुट को सौंप दिया गया है। इस याचिका में मामले को लेकर तत्काल सुनवाई की मांग की गई थी।
Lawyer of Uddhav Thackeray faction mentions plea before Supreme Court, challenging Election Commission's move to allot party name "Shiv Sena" and the symbol "Bow and Arrow" to the faction led by Maharashtra CM Eknath Shinde.
Supreme Court asks the lawyer to mention it tomorrow. pic.twitter.com/HQOh4pbWrp
— ANI (@ANI) February 20, 2023
शिंदे गुट ने सुप्रीम कोर्ट में पहले ही दाखिल की है कैविएट
इस बीच, इस मामले को लेकर शिंदे गुट की ओर से सुप्रीम कोर्ट में एक कैविएट अर्जी पहले ही दायर की जा चुकी है। बता दें कि वादी की ओर से एक कैविएट आवेदन यह सुनिश्चित करने के लिए दायर किया जाता है कि उसके खिलाफ कोई प्रतिकूल आदेश बिना सुने पारित नहीं किया जाता है।
बता दें कि विशेष रूप से, शिवसेना के दोनों गुट (एकनाथ शिंदे और उद्धव ठाकरे) पिछले साल ठाकरे के खिलाफ शिंदे (वर्तमान महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री) के विद्रोह के बाद से पार्टी के धनुष और तीर के निशान के लिए लड़ रहे हैं। जहां शिंदे गुट ने असली शिवसेना के रूप में मान्यता दिए जाने के फैसले का स्वागत किया, वहीं उद्धव ठाकरे गुट ने चुनाव आयोग पर जल्दबाजी का आरोप लगाया और कहा कि यह फैसला दिखाता है कि ये बीजेपी एजेंट के रूप में काम करता है।
उद्धव ठाकरे को एक और झटका
पार्टी का नाम और सिंबल शिंदे गुट को सौंपे जाने के बाद उद्धव गुट को एक और झटका लगा है। विधानसभा के शिवसेना कार्यालय को भी शिंदे गुट को आवंटित कर दिया गया है। शिंदे गुट के मुख्य सचेतक भरत गोगावले अपनी पार्टी के अन्य विधायकों के साथ राज्य विधानसभा अध्यक्ष के पास पहुंचे और विधानभवन में शिवसेना के कार्यालय को शिंदे गुट को सौंपने की मांग की।
भरत गोगावले ने कहा कि हम भारतीय चुनाव आयोग के आदेश का पालन कर रहे हैं। ECI ने हमारे गुट को मान्यता दी है, इसलिए विधानभवन में शिवसेना का कार्यालय हमारा है। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने शिंदे गुट को शिवसेना का कार्यालय सौंप दिया।