आईबी-रॉ करेंगे डिब्रूगढ़ जेल में Amritpal से पूछताछ

चंडीगढ़. खालिस्तान समर्थक अमृतपाल का नया ठिकाना अब डिब्रूगढ़ जेल है। वहां उससे केंद्रीय खुफिया एजेंसियां भी पूछताछ करेंगी। अमृतपाल को उसके साथियों से दूर एक अलग सेल में रखा गया है।

जेल में उसके नौ साथी बंद हैं, जिन्हें पंजाब से गिरफ्तार कर भेजा गया है। इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी), रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) और अन्य केंद्रीय खुफिया एजेंसियों की एक टीम जल्द अमृतपाल से पूछताछ डिब्रूगढ़ जेल पहुंचेगी।

IB-RAW

जेल में उसके सहयोगियों और उसके धनस्रोत के बारे में पूछताछ की जाएगी। खुफिया एजेंसियों को उसके पाकिस्तान और अन्य देशों से संबंधों के बारे में कई महत्वपूर्ण जानकारियां लगी हैं। वहीं, जेल की भी सुरक्षा कड़ी कर दी गई है।

जेल परिसर की सुरक्षा में असम पुलिस के विशिष्ट ब्लैक कैट कमांडो, सीआरपीएफ और अन्य सुरक्षाकर्मी तैनात हैं।

डिब्रूगढ़ शहर के बीचों-बीच बनी यह जेल 76,203.19 वर्ग मीटर में फैली है। जेल में अलगाववादी संगठनों जैसे यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम (उल्फा) के कई नेता इस जेल में बंद रहे हैं। 1991 में इस जेल से उल्फा के पांच हाई प्रोफाइल चरमपंथी जेल से फरार हो गए थे। इसके बाद जेल की दीवारों की ऊंचाई को 30 फुट तक बढ़ाया गया है। 57 सीसीटीवी कैमरों से जेल के अंदर कैदियों और जेल में मिलने आने वालों पर नजर रखी जाती है।

36 दिन बाद हाथ आया अमृतपाल

पंजाब पुलिस को 36 दिन तक चकमा देता रहा खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह रविवार को पकड़ा गया। पंजाब में 18 मार्च को शुरू हुई पुलिस कार्रवाई के दौरान फरार होने के बाद से अमृतपाल एक से दूसरे शहर में भागता रहा लेकिन पुलिस के हाथ नहीं आया। 10 अप्रैल को अमृतसर के कत्थूनंगल से पपलप्रीत सिंह के पकड़े जाने के बाद अमृतपाल अकेला पड़ गया था। उसके लिए छिपने के ठिकाने और पैसों के लाले पड़ गए थे। पंजाब पुलिस के आईजी सुखचैन सिंह गिल का कहना है कि इन हालात में 10 अप्रैल से रविवार को पकड़े जाने तक (13 दिन) अमृतपाल कहां छिपा रहा, इसके बारे में पुलिस जल्द ही खुलासा करेगी।

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