देहरादून: भाजपा ने राज्य में समान नागरिक संहिता लागू करने का समर्थन करते हुए कहा कि वह समलैंगिक विवाह व लिव इन रिलेशनशिप के खिलाफ है। इन दोनों को कानूनी मान्यता नहीं दी जानी चाहिए। पार्टी ने विशेषज्ञ समिति के समक्ष अपना मत प्रस्तुत किया।
पार्टी प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ. देवेंद्र भसीन के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने विशेषज्ञ समिति से कहा कि भाजपा यूसीसी के पक्ष में है और इसे संविधान सम्मत मानती है। किसी भी धर्म, समाज एवं वर्ग में महिलाओं का विवाह, तलाक, संपत्ति आदि सभी विषयों में समान अधिकार होना चाहिए। कहा कि ये अधिकार देश की एकता व अखंडता की रक्षा के मूलभूत सिद्धांत पर आधारित होने चाहिए। पार्टी का मानना है कि नागरिकों के अधिकार तय करते समय देश व प्रदेश की संस्कृति और विरासत को भी ध्यान में रखना चाहिए।
वहीं वक्ताओं ने कहा कि महिलाओं को संपत्ति में पुरुषों के समान अधिकार हों, उन्हें मायके में बचपन और फिर विवाह के बाद ससुराल में समान अधिकार मिलने चाहिए। इसी तरह तलाक की स्थिति में भी जो अधिकार पुरुषों के हैं, वहीं अधिकार महिलाओं के भी होने चाहिए। इसके अलावा सभी धर्मों के अनुयायियों के अधिकार समान हों, जिससे समाज में परस्पर सम्मान व सौहार्द का वातावरण बना रहे। किसी धर्म के अनुयायियों को ऐसा कोई कार्य करने का अधिकार नहीं होना चाहिए जो अन्य धर्म के लोगों के लिए परेशानी का सबब बने। अवैध धर्मांतरण पर पूरी तरह से रोक के अलावा तलाक या अन्य सामाजिक मामलों में धर्म या परंपरा के नाम पर चल रही कुरीतियां दूर की जानी चाहिए।