रायपुर। छत्तीसगढ़ के 2000 करोड़ रु के शराब घोटाले के आरोपियों ने ED की कार्रवाई को चुनौती देने वाली याचिका वापस ली। SC ने सख्त टिप्पणी करते कहा कि- PMLA एक्ट के प्रावधानों को सही ठहराया जा चुका है। फिर भी आरोपी गिरफ्तारी से राहत के लिए उन्हें चुनौती दे रहे हैं। यह न्यायिक प्रक्रिया का दुरुपयोग है।
#SupremeCourt hears plea of Akhtar Dhebar (accused in Chattisgarh Liquor Scam case) challenging provisions of PMLA.
Dr Singhvi: We have instructions to withdraw. I am withdrawing the main writ.
ASG: But there should be an observation that he cannot come back.#SupremeCourt pic.twitter.com/gOlSojvNk8
— Live Law (@LiveLawIndia) May 30, 2023
[Chattisgarh Liquor Scam case]
Sr Adv AM Singhvi withdraws the plea by Akhtar Dhebar challenging validity of some of the provisions of the Prevention of Money Laundering Act
Plea by Chattisgarh’s Excise official Niranjan Das also withdrawn#SupremeCourt pic.twitter.com/g9HjxsOdsu
— Bar & Bench (@barandbench) May 30, 2023
गौरतलब है कि ईडी ने शराब में राज्य में 2 हजार करोड़ रुपए से अधिक रुपए के भ्रष्टाचार और मनी लांड्रिंग का दावा किया है. इसमें अनवर ढेबर को गिरफ्तार किया गया है.ईडी ने दावा किया है कि राज्य में 2019 से 2022 तक 2 हजार करोड़ रुपए का घोटाला हुआ है. इसमें राज्य के बड़े नेताओं और अधिकारियों का समर्थन था. कच्ची शराब सरकारी शराब दुकान बेचने और इससे मुनाफा कमाने का आरोप अनवर ढेबर पर लगाया गया है.
त्रिलोक सिंह ढिल्लों पर आरोप लगे है कि उसने अपने स्वेच्छा से और जानबूझकर अपने बैंक खातों और फर्मों को बड़ी मात्रा में घोटाले पैसे के लिए उपयोग करने की अनुमति दी है. इस मामले में प्रमुख लाभार्थी है. ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल उनके फर्मों के नाम पर 27.5 करोड़ रुपए की एफडी फ्रिज कर दी है और 52 लाख रुपए नगदी भी जब्त की है.