Big decision of Gautam Adani: भारतीय अरबपति गौतम अडानी पर से हिंडनबर्ग का साया जैसे-जैसे हटता जा रहा है, वह लगातार अपनी स्थिति मजबूत करते नजर आ रहे हैं. इसके लिए अडानी एक खास रणनीति के तहत आगे बढ़ रहा है और इसी क्रम में उसने अब एक बड़ी योजना बनाई है. अदानी ग्रुप अपनी तीन कंपनियों के शेयर बेचकर 3 अरब डॉलर से ज्यादा जुटाने की तैयारी कर रहा है. रिपोर्ट के मुताबिक, समूह संस्थागत निवेशकों को अदानी एंटरप्राइजेज, अदानी ट्रांसमिशन और अदानी ग्रीन एनर्जी के शेयर बेचेगा.
तीन कंपनियां इस तरह फंड जुटेंगी
पीटीआई की रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि अदानी समूह की प्रमुख कंपनी अदानी एंटरप्राइजेज के साथ, अदानी ट्रांसमिशन के बोर्ड सदस्यों ने संस्थागत निवेशकों को शेयरों की बिक्री को मंजूरी दे दी है. समूह इन दोनों कंपनियों के शेयरों की बिक्री के जरिए 2.5 अरब डॉलर (21,000 करोड़ रुपये) जुटाने की तैयारी कर रहा है. इसके अलावा अडानी ग्रीन एनर्जी के शेयरों की बिक्री से एक अरब डॉलर की राशि जुटाने की योजना बनाई गई है. रिपोर्ट में उम्मीद की जा रही है कि आने वाले एक-दो हफ्ते में अडाणी ग्रीन का बोर्ड भी इस प्रस्ताव को मंजूरी दे सकता है.
हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद पहला बड़ा कदम
24 जनवरी 2023 को अमेरिकी शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग द्वारा अदानी समूह पर एक शोध रिपोर्ट प्रकाशित की गई, जिसके जारी होने के बाद गौतम अदानी का साम्राज्य हिल गया और उन्हें भारी आर्थिक नुकसान हुआ. अब अडानी के इस कदम को वापसी के तौर पर देखा जा रहा है. रिपोर्ट में कहा गया है कि अदाणी इंटरप्राइजेज और अदाणी ट्रांसमिशन के बोर्ड से मंजूरी मिलने के बाद अब दोनों कंपनियों ने अपने शेयरधारकों से मंजूरी मांगी है.
यहां से जुटाई गई राशि का उपयोग किया जाएगा
अदानी ग्रीन की बैठक इसी महीने एक या दो हफ्ते में होने की संभावना है और उम्मीद है कि बोर्ड इस प्रस्ताव को अपनी मंजूरी दे देगा. इसके बाद अदाणी ग्रीन एनर्जी भी फंड जुटाने के लिए शेयरधारकों से मंजूरी मांगेगी. इस तरह देखा जाए तो अदानी ग्रुप की योजना अपनी तीन कंपनियों के शेयर बेचकर करीब 3.5 अरब डॉलर जुटाने की है. रिपोर्ट के मुताबिक, अडानी ग्रुप इस जुटाई गई रकम का इस्तेमाल अपने पूंजीगत खर्च को पूरा करने के लिए करेगा.
दूसरी तिमाही तक फंड जुटाने की तैयारी
अदानी ग्रुप के क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (QII) को शेयर बेचकर फंड जुटाने की यह प्रक्रिया चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में पूरी की जा सकती है। पीटीआई की रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि यूरोप और मध्य पूर्व के निवेशकों ने इसमें दिलचस्पी दिखाई है. इसके अलावा कहा जा रहा है कि कुछ मौजूदा निवेशकों के साथ नए निवेशक भी इस ऑफर को स्वीकार कर सकते हैं.