दमोह के स्कूल ने ड्रेस कोड से हिजाब-स्कार्फ हटाया, विवाद के बाद लिया फैसला

Damoh School Poster Row: मध्य प्रदेश के दमोह जिले के पोस्टर में हिंदू बालिकाओं के हिजाब वाली तस्वीर में नजर आने पर विवाद में आए स्कूल ने फैसला लिया है कि अब उनके ड्रेस कोड में हिजाब या स्कार्फ नहीं होंगा, साथ ही लब पे आती है दुआ सरीखे गीत भी नहीं गाया जाएगा. पिछले दिनों बोर्ड परीक्षा में सफल रहे छात्र-छात्राओं की तस्वीरों को गंगा जमुना हाई स्कूल ने एक पोस्टर में जारी किया था जिसमें हिंदू छात्राओं को हिजाब जैसा स्कार्फ बांधे दिखाया गया था. उसके बाद से यह मामला लगातार तूल पकड़े हुए है.

ड्रेस कोड से हिजाब हटा, लब पे आती है दुआ वाला गीत भी बंद

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस मामले पर गंभीर रुख अपनाते हुए कलेक्टर को मामले की पूरी जांच करने के निर्देश दिए थे. दमोह के गंगा जमुना स्कूल प्रबंधन ने अब ड्रेस से स्कार्फ, हिजाब का बंधन हटाने का निर्णय लिया है. इसके साथ ही लब पे आती है दुआ (Lab Pe Aati Hain Dua Banke Tamanna Meri) सरीखा गीत भी नहीं गाया जाएगा. स्कूल में सुबह होने वाली प्रात:कालीन प्रार्थना में अब केवल राष्ट्रगान जन गण मन होगा.

किन परिस्थितियों में हुआ ऐसा?

कलेक्टर दमोह ने कहा मुख्यमंत्री के स़ख्त निर्देश पर स्कूल मामले में गठित समिति द्वारा जांच जारी रहेगी कि ये सब किन परिस्थितियों में हुआ. दमोह में गंगा जमुना हायर सेकेंडरी स्कूल संचालित है और पिछले दिनों परीक्षा परिणामों में सफल विद्यार्थियों की तस्वीरों का एक पोस्टर जारी किया गया था, जिसमें हिंदू छात्राएं भी हिजाब जैसा स्कार्फ सिर पर लपेटे नजर आई. उसके बाद से यह मामला गर्माया हुआ है. मुख्यमंत्री चौहान ने भी इस मामले पर गुरुवार को नाराजगी जताई थी साथ ही कलेक्टर दमोह को मामले की पूरी जांच करने के निर्देश दिए थे.

गृह मंत्री ने जताई थी नाराजगी

इससे पहले राज्य के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने जिला शिक्षा अधिकारी को जांच के आदेश दिए थे, मगर परिवार की ओर से किसी ने भी शिकायत नहीं की, जिस पर उन्होंने पुलिस अधीक्षक को इस पूरे मामले की जांच करने के कहा. मिली जानकारी के अनुसार जिन हिंदू छात्राओं की तस्वीरें इस पोस्टर पर हिजाब जैसा स्कार्फ बांधे दिख रही है उनमें से एक छात्रा और उसके परिजनों का कहना है कि यह तो विद्यालय की तय ड्रेस का हिस्सा है और कोई भी इस स्कार्फ के बांधने के लिए बाध्य नहीं है. वहीं हिंदू वादी संगठनों से जुड़े लोगों ने हिजाब को लेकर प्रदर्शन किया और स्कूल की मान्यता भी रद्द करने की मांग की.

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