Railway Board Statement: बालासोर हादसे (Balasore Accident) पर पहली बार रेलवे बोर्ड (Railway Board) का बयान सामने आया है. शुरुआती जांच में सिग्नल की खराबी की बात सामने आई है. हम जांच रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं. सिग्नलिंग में गड़बड़ी की जांच जारी है. शुरुआती जांच के मुताबिक, हो सकता है कि कुछ समस्या सिग्नलिंग के साथ रही हो. हम अभी भी रेलवे सुरक्षा आयुक्त की विस्तृत रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं. सिर्फ कोरोमंडल एक्सप्रेस (Coromandel Express) हादसे का शिकार हुई. ट्रेन की रफ्तार करीब 128 किलोमीटर प्रति घंटा थी. जैसा कि आप लोग देख रहे हैं कि रेल मंत्री पिछले 36 घंटे से मौके पर मौजूद हैं. वहां से वो हिल नहीं रहे हैं. वहां रिस्टोरेशन और इन्वेस्टिगेशन का काम हो रहा है.
किस वजह से हुआ हादसा?
रेलवे बोर्ड की सदस्य जया वर्मा सिन्हा ने कहा कि रेलवे ने हादसे के बाद सबसे पहले राहत और बचाव कार्य किया उसके बाद मरम्मत का कार्य किया जा रहा है. बहानागा स्टेशन पर 4 लाइने हैं. इसमें 2 मेन लाइन है. लूप लाइन पर एक माल गाड़ी थी. स्टेशन पर ड्राइवर को ग्रीन सिग्नल मिला था. दोनों गाड़ियां अपने पूरे गति पर चल रही थीं. प्रारंभिक जांच में लग रहा है कि सिग्नल में गड़बड़ी हुई है. घटना की चपेट में सिर्फ कोरोमंडल आई थी.
इतनी ज्यादा क्यों हुईं मौतें?
रेलवे बोर्ड की तरफ से कहा गया कि मालगाड़ी पटरी से नहीं उतरी. चूंकि मालगाड़ी आयरन ओर ले जा रही थी, इसलिए सबसे ज्यादा नुकसान कोरोमंडल एक्सप्रेस को हुआ. यह बड़ी संख्या में मौतों और चोटों का कारण है. कोरोमंडल एक्सप्रेस की पटरी से उतरी बोगियां डाउन लाइन पर आ गईं और यशवंतपुर एक्सप्रेस की आखिरी दो बोगियों से टकरा गईं, जो डाउन लाइन से 126 किमी/घंटा की रफ्तार से गुजर रही थी.
रेल मंत्री ने कही थी ये बात
इस बीच ओडिशा के मुख्य सचिव प्रदीप जेना ने कहा कि 1,175 घायलों में से 793 को इलाज के बाद छुट्टी दे दी गई है. यह आंकड़ा आगे फिर अपडेट किया जाएगा. जान लें कि रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव भी कह चुके हैं हादसे की जांच पूरी हो गई है. जांच रिपोर्ट को जल्द सौंपा जाएगा. रिपोर्ट मिलने के बाद ही इस पर विस्तार से जानकारी शेयर की जा सकती है.