इस राज्य में बनेगी देश की पहली रेलरोड टनल, 40 मिनट में पूरी होगी 6 घंटे की दूरी…

नई दिल्ली. देश को जल्द ही अंडरवॉटर रेलरोड टनल (First Railroad Tunnel of India) मिल सकती है. रेलरोड टनल का मतलब है कि इस पर ट्रेन और मोटर व्हीकल (कार-ट्रक-बस) दोनों चल सकेंगे. इसका निर्माण ब्रह्मपुत्र नदी के नीचे किया जाएगा. असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने इसकी घोषणा एक सभा को संबोधित करते हुए की है. उन्होंने कहा कि अगर सबकुछ ठीक रहा था तो इसका निर्माण कार्य उनके कार्यकाल में ही शुरू हो जाएगा.

सरमा ने शनिवार को एक सभा में कहा, “मेरा एक सपना है, क्या यह संभव है कि ब्रह्मपुत्र के अंदर एक सुरंग का निर्माण किया जाए जिस रपर रेल और मोटर दोनों चल सकें.” मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि उन्होंने फिर सोचा कि सपने में ज्यादा खोने की जरूरत नहीं है और उन्होंने इसका प्लान लगभग छोड़ ही दिया. बकौल सीएम, एक दिन दिल्ली हाईकमान से अचानक ब्रह्मपुत्र के नीचे सुरंग बनाने के बारे में राय मांगी गई. इसके बाद उन्होंने इस पर अधिकारियों के साथ चर्चा की और अंतत: इस नतीजे पर पहुंचे की 6000 करोड़ रुपये की लागत से इसका निर्माण किया जा सकता है.

दो अलग-अलग टनल
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस तरह पहाड़ों के अंदर से अटल-टनल बनाई गई है, उसी तरह ब्रह्मपुत्र के नीचे से भी सुरंग बनाई जाएगी. सीएम ने बताया कि इसके लिए 2 अलग-अलग टनल तैयार किए जाएंगे. इनमें से एक पर ट्रेन चलेगी और दूसरे पर मोटर वाहन दौड़ेंगे. उन्होंने यह भी बताया कि इनका निर्माण कहा किया जाएगा. बकौल हिमंत सरमा, यह सुरंग गाहपुर और नुमालीगड़ के बीच ब्रह्मपुत्र के नीचे बनाई जाएगी.

क्या होगा फायदा?
इस टनल के बन जाने के बाद इन 2 जिलों के बीच की दूरी केवल 33 किलोमीटर रह जाएगी. जबकि अभी लोगों को 220 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ता है. अभी जहां ये सफर तय करने में 5-6 घंटे लगते हैं. सीधी टनल बनने के बाद यह सफर 40 मिनट के आसपास पूरा हो जाएगा. बता दें कि यह टनल करीब 35 किलोमीटर की होगी.

इससे ब्रह्मपुत्र का उत्तर और दक्षिण इलाका बेहद करीब आ जाएगा. यह टनल नेशनल सिक्योरिटी के लिहाज से भी महत्वपूर्ण है क्योंकि इसके जरिए चीन से सटे अरुणाचल प्रदेश पहुंचना आसान हो जाएगा.

कब तक शुरू होगा काम
उन्होंने बताया कि इसकी डीपीआर यानी डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार करने के लिए 4 जुलाई को टेंडर खोला जाएगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर सबकुछ ठीक रहता है तो उनके कार्यकाल में ही इसका निर्माण शुरू कर दिया जाएगा. गौरतलब है कि असम में विधानसभा के अगले चुनाव 2026 में होने हैं. अगर यह आइडिया वास्तिवकता की शक्ल लेता है तो यह भारत की पहली अंडरवॉटर रेल रोड टनल होगी.

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