लंदन: कोरोना वायरस का ऑमिक्रोन वेरिएंट हर दिन किसी न किसी देश को अपनी चपेट में ले रहा है. ऐसे में सभी की चिंताएं बढ़ती जा रही हैं. ऐसे में कई देशों की कोरोना वैक्सीन भी नाकाम नजर आ रही हैं लेकिन हाल ही में ब्रिटिश दवा निर्माता ग्लैक्सो स्मिथक्लाइन (GlaxoSmithKline) ने दावा किया है कि शुरुआती लेबोरेटरीज टेस्ट्स से पता चला है कि कोविड-19 के खिलाफ इसकी एंटीबॉडी दवा नए सुपर म्यूटेंट ओमिक्रॉन वेरिएंट के खिलाफ भी प्रभावी है.
मौत के डर को 79% कम करेगी ये दवा
ग्लैक्सोस्मिथक्लाइन (GSK) ने सोट्रोविमैब (Sotrovimab) को यूएस पार्टनर VIR बायोटेक्नोलॉजी के साथ विकसित किया, जो मानव द्वारा पहले से बनाए गए प्राकृतिक एंटीबॉडी पर आधारित एक मोनोक्लोनल एंटीबॉडी है. क्लीनिकल ट्रायल्स में, सोट्रोविमैब को 24 घंटों में अस्पताल में भर्ती होने या मृत्यु के डर को 79% तक कम करने का दावा किया गया है.
रिसर्च में किया गया दावा
कंपनी ने एक बयान में कहा, ‘ऑमिक्रोन वेरिएंट के सीक्वेंस के आधार पर, हमारा मानना है कि सोट्रोविमैब की ओर से इस वैरिएंट के खिलाफ सक्रियता और प्रभावशाली बनाए रखने की संभावना है.’ यह रिसर्च प्रीप्रिंट सर्वर बायोरेक्सिव पर पोस्ट किया गया है. हालांकि इस रिसर्च में शुरुआती लैब टेस्ट के आधार पर डाटा साझा किया गया है और अभी तक इसका पूरा रिव्यू नहीं किया गया है. कंपनी के अनुसार, इस रिसर्च से पता चलता है कि सोट्रोविमैब नए ऑमिक्रोन सार्स-सीओवी-2 वैरिएंट (बी.1.1.529) के प्रमुख म्यूटेंट के खिलाफ सक्रियता या गतिविधि को बरकरार रखता है.
कंपनियां अब 2021 के अंत तक एक अपडेट प्रदान करने के इरादे से सभी ओमिक्रॉन म्यूटेशन के संयोजन के खिलाफ सोट्रोविमैब की निष्क्रिय गतिविधि की पुष्टि करने के लिए इन व्रिटो स्यूडो-वायरस टेस्टिंग पूरा कर रही हैं.
हर वेरिएंट से निपटने में कारगर
VIR बायोटेक्नोलॉजी के CEO, पीएचडी, जॉर्ज स्कैनगोस ने एक बयान में कहा, ‘सोट्रोविमैब को जानबूझकर एक म्यूटेटिंग वायरस को ध्यान में रखकर बनाया गया है. स्पाइक प्रोटीन के ज्यादातर प्रोटेक्टेड एरिया को टारगेट करके (जिसके म्यूटेंट होने की संभावना कम है) हमने वर्तमान सार्स-सीओवी-2 वायरस और भविष्य के वेरिएंट दोनों से निपटने की उम्मीद की है, जिसकी हमें उम्मीद थी कि यह जरूर होगा. हमें पूरी उम्मीद है कि यह पॉजिटिविटी जारी रहेगी और ऑमिक्रॉन के फुल कॉम्बिनेशन सीक्वेंस के खिलाफ अपनी सक्रियता की पुष्टि करने के लिए तेजी से काम कर रहे हैं.’
ऐसे काम करती है सोट्रोविमैब
आपको बता दें कि जीएसके और VIR बायोटेक्नोलॉजी द्वारा विकसित सोट्रोविमैब एक खुराक वाली एंटीबॉडी है और यह दवा कोरोना वायरस के आउटर कवर पर स्पाइक प्रोटीन से जुड़कर काम करती है. इससे यह वायरस को ह्यूमन शेल में प्रवेश करने से रोक देती है.
इन लोगों पर कारगर
जेवुडी के रूप में मार्केटिंग की जाने वाली दवा को कोविड-19 के लक्षणों की शुरुआत के 5 दिनों के भीतर दिए जाने की सिफारिश की गई है. इसने दिखाया है कि यह उन लोगों के लिए प्रभावी है, जिन्हें ऑक्सीजन सप्लीमेंट की आवश्यकता नहीं है और जिन्हें गंभीर कोविड संक्रमण के बढ़ने का खतरा है. सोट्रोविमैब को यूके मेडिसिन्स एंड हेल्थकेयर प्रोडक्ट्स रेगुलेटरी एजेंसी (MHRA) द्वारा रोगसूचक वयस्कों और किशोरों (Symptomatic adults and adolescents above than 12 years) के तीव्र कोविड-19 संक्रमण के उपचार के लिए एक सशर्त मार्केटिंग प्राधिकरण भी दिया गया है. सशर्त मार्केटिंग प्राधिकरण में इंग्लैंड, स्कॉटलैंड और वेल्स शामिल हैं.