उत्तराखंड के बाद अब इस राज्य में लागू होगा UCC

UCC in Gujarat: गुजरात सरकार ने समान नागरिक संहिता को लेकर बड़ा फैसला लिया है. CM भूपेंद्र नेतृत्व वाली सरकार ने मंगलवार को राज्य में UCC (Uniform Civil Code) लागू करने के लिए 5 सदस्यीय कमेटी का ऐलान किया. उत्तराखंड (Uttarakhand) के बाद अब जल्द गुजरात में भी समान नागरिक संहिता लागू हो जाएगा. CM भूपेंद्र पटेल (Bhupendra Patel) ने प्रेस कॉन्फ्रेस कर ये जानकारी दी है. सेवानिवृत्त न्यायाधीश रंजना देसाई (Ranjana Desai) की अध्यक्षता वाली 5 सदस्यीय कमेटी 45 दिनों में अपनी रिपोर्ट सौंपेगी. जिसके बाद गुजरात सरकार रिपोर्ट के आधार पर निर्णय लेगी.

उत्तराखंड के बाद एक और बीजेपी शासित राज्य समान नागरिक संहिता लागू करने जा रही है. गुजरात के भूपेंद्र पटेल की नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार ने यूसीसी लागू करने को लेकर अहम निर्णय लिया है. सरकार ने राज्य में समान नागरिक संहिता लागू करने के लिए कमेटी का गठित की है.

मंगलवार को गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल और गृह मंत्री हर्ष सिंघवी ने प्रेस कॉन्फ्रेस किया. इस दौरान सीएम भूपेंद्र पटेल ने कहा, “समान नागरिक संहिता (यूसीसी) का मसौदा तैयार करने और कानून बनाने के लिए सुप्रीम कोर्ट की सेवानिवृत्त न्यायाधीश रंजना देसाई की अध्यक्षता में 5 सदस्यीय समिति गठित की गई है.

गाैरतलब है कि गुजरात सरकार साल 2022 में ही यूसीसी लागू करने की मंशा जाहिर कर चुकी है, जिसे लेकर 2023 में विधि आयोग ने इस विषय पर फिर से चर्चा शुरू की. आयोग ने कार्यान्वयन के संबंध में विभिन्न हितधारकों से नए इनपुट मांगे.

बता दें कि बीतें 27 जनवरी को उत्तराखंड सरकार ने राज्य में समान नागरिक संहिता लागू कर दिया. UCC लागू होने के बाद उत्तराखंड स्वतंत्र भारत के इतिहास में ऐसा करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है. सीएम पुष्कर सिंह धामी ने रिमोट के माध्यम से अधिसूचना जारी कर यूसीसी को लागू किया था. जिसके बाद अब बीजेपी के दूसरे राज्य गुजरात ने यूसीसी लागू करने तैयारी शुरू कर दी है.

जानें क्या है समान नागरिक संहिता (UCC)

समान नागरिक संहिता का मतलब है कि राज्य में सभी नागरिकों के लिए विवाह, तलाक, गोद लेने, संपत्ति के बंटवारे और अन्य सिविल मामलों के लिए एक समान कानून लागू होगा. इस कानून का उद्देश्य विभिन्न धर्मों और समुदायों के लिए अलग-अलग पर्सनल लॉ की जगह एक समान प्रणाली स्थापित करना है. यूसीसी के तहत शादी और लिव-इन रिलेशनशिप में रहने वाले कपल्स को भी रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य होगा.

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