टनल से 41 मजदूरों को निकालने के प्रयासों को बड़ा झटका, खराब हो गई ऑगर मशीन

उत्तरकाशी: उत्तराखंड (Uttarakhand Tunnel Rescue) के उत्तरकाशी (Uttarkashi Tunnel Collapse) में चारधाम राष्ट्रीय राजमार्ग पर निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग (Silkyara tunnel) में फंसे 41 मजदूरों को बचाने की जारी कवायद के बीच बुरी खबर आई है. 41 मजदूरों को निकालने में संजीवनी का काम कर रही अमेरिकी ऑगर मशीन खराब हो गई है. अंतरराष्ट्रीय सुरंग विशेषज्ञ अर्नोल्ड डिक्स ने शनिवार को कहा कि उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों को बचाने के लिए जिस ऑगर मशीन से ‘ड्रिल’ की जा रही थी, वह खराब हो गई है. बता दें कि आज रेस्क्यू ऑपरेशन का 14वां दिन है और उम्मीद की जा रही है कि जल्दी ही पहाड़ का सीना चीरकर ये सभी मजदूर आज बाहर निकल आएंगे. मगर ऑगर मशीन के खराब होने से इंतजार और लंबा हो सकता है.

अमेरिकी टनल एक्सपर्ट अर्नोल्ड डिक्स ने सिलक्यारा में पत्रकारों से कहा, ‘ऑगर टूट गई है, क्षतिग्रस्त हो गई है.’ पिछले कुछ दिन से ऑगर मशीन से ड्रिल करने के दौरान लगातार बाधाएं आ रही थीं. जब उनसे हाथ से अथवा लम्बवत ड्रिल करने जैसे अन्य विकल्पों के बारे में पूछा गया तो डिक्स ने कहा कि सभी विकल्पों पर विचार किया जा रहा है. उन्होंने कहा, ‘हम जो भी विकल्प अपना रहे हैं उसके अपने फायदे और नुकसान हैं. हमें बचावकर्ताओं की तथा श्रमिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी है.’

अब आगे क्या होगा?
उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग में 13 दिन से फंसे 41 श्रमिकों को निकालने के लिए ऑगर मशीन से ड्रिलिंग के दौरान बार-बार आ रही बाधाओं के कारण बचावकर्ता शेष हिस्से की हाथ से ड्रिलिंग या लंबवत बचाव मार्ग तैयार करने के विकल्प पर विचार कर रहे हैं. अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी. श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए सुरंग के ढहे हिस्से में की जा रही ड्रिलिंग शुक्रवार रात पुन: रोकनी पड़ी, जो बचाव प्रयासों के लिए एक और झटका है. शुक्रवार को ड्रिलिंग बहाल होने के कुछ देर बाद ऑगर मशीन स्पष्ट रूप से किसी धातु की वस्तु के कारण बाधित हो गई. इससे एक दिन पहले अधिकारियों को ऑगर मशीन में तकनीकी गड़बड़ियों के कारण बचाव कार्य को रोकना पड़ा था.

पर बन रही सुरंग का एक हिस्सा 12 नवंबर को ढह गया था, जिससे उसमें काम कर रहे 41 श्रमिक फंस गए थे. तब से विभिन्न एजेंसियां उन्हें बाहर निकालने के लिए युद्धस्तर पर बचाव अभियान चला रही हैं. माना जा रहा है कि करीब 50 मीटरर तक ड्रिलिंग हो चुकी है और रेस्क्यू टीम और मजदूरों के बीच में महज 10 मीटर का फासला बच गया है. इससे पहले शुक्रवार को उत्तरकाशी के सिलक्यारा सुरंग में पिछले 14 दिनों से फंसे 41 श्रमिकों को निकालने के लिए रास्ता बनाने के प्रयास में जारी ड्रिलिंग एक बार फिर रोकनी पड़ी, जिससे श्रमिकों का इंतजार और बढ़ गया.

अधिकारियों ने बताया कि बृहस्पतिवार को अमेरिकी ऑगर मशीन में आई तकनीकी अड़चन के बाद रूकी ड्रिलिंग 24 घंटे बाद शुक्रवार को फिर शुरू की गयी थी. उन्होंने बताया कि दिन में तकनीकी बाधा को दूर करने के बाद 25 टन वजनी भारी ऑगर मशीन से ड्रिलिंग शुरू की गई लेकिन कुछ देर उसका संचालन रोकना पड़ा. पिछले दो दिनों में अभियान को यह दूसरा झटका लगा है. बता दें कि चारधाम यात्रा मार्ग पर बन रही सुरंग का एक हिस्सा 12 नवंबर को ढह गया था, जिससे उसमें काम कर रहे श्रमिक मलबे के दूसरी ओर फंस गए थे. तब से विभिन्न एजेंसियों द्वारा उन्हें बाहर निकालने के लिए युद्धस्तर पर बचाव अभियान चलाया जा रहा है.

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