वाराणसी. धर्मनगरी वाराणसी से दिल को झकझोर देने वाली घटना सामने आई है. यहां दो बेटियां अपनी मां के शव के साथ एक साल से रह रही थीं. जब रिश्तेदार पहुंचे और गेट न खुलने पर पुलिस को बुलाया गया. पुलिस जब जबरन दरवाजा तोड़कर अंदर घुसी तो दोनों बेटियां मां के कंकाल के साथ बैठी हुई थीं. दोनों ने पुलिस को बताया कि मां की मौत एक साल पहले हो गई थी, लेकिन अंतिम संस्कार के लिए पैसे नहीं थे. फ़िलहाल पुलिस ने कंकाल को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है. दोनों बेटियों से पूछताछ की जा रही है.
पूरा मामला लंका थाना क्षेत्र के मदरवा गांव का है. मदरवा निवासी ऊषा त्रिपाठी की मौत 8 दिसंबर 2022 को हो गई थी. जिसके बाद बेटियों ने उसका अंतिम संस्कार न कर उसे एक कमरे में रख दिया. बुधवार को जब उनकी एक रिश्तेदार घर पहुंची तो पता चला कि ऊषा त्रिपाठी की मौत हो चुकी है और उनका अंतिम संस्कार नहीं किया गया. इसके बाद पड़ोसी भी सन्न रह गए. पुलिस को सूचना दी गई. मौके पर पहुंची पुलिस जबरन घर में घुसी तो दोनों बेटियां कंकाल के साथ बैठी हुई थीं.
पैसे के आभाव में अंतिम संस्कार नहीं कर पाए
पुलिस ने दोनों बेटियों को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो उन्होंने बताया कि मां की मौत 8 दिसंबर 2022 को बीमारी की वजह से हो गई थी. पैसे के आभाव में अंतिम संस्कार नहीं कर पाए. पुलिस ने दोनों से यह भी पूछा कि एक साल तक घर का खर्च कैसे चलता रहा. तो उन्होंने बताया कि घर का सामन और गहने बेचकर खाने का इंतजाम किया. फ़िलहाल पुलिस इस बात की छानबीन में जुटी है कि ऊषा त्रिपाठी की मौत नेचुरल थी या हत्या. लंका थाना प्रभारी ने बताया कि कंकाल का पोस्टमॉर्टम कराया जा रहा है. रिपोर्ट के बाद ही इसका खुलासा होगा. उन्होंने कहा कि दोनों ही लड़कियां मानसिक रूप से बीमार भी दिख रही हैं.
कई एंगल से जांच में जुटी पुलिस
पड़ोसियों के मुताबिक ऊषा त्रिपाठी के पति की मौत दो साल पहले हो गई थी. बड़ी बेटी पल्लवी संतक है और 27 साल की है, जबकि दूसरी बेटी वैश्विक त्रिपाठी दसवीं की छात्रा है. पुलिस पूरे मामले में कई एंगल से जांच कर रही है. एक साल तक दोनों लड़कियों की पढ़ाई कैसे चली, घर का खर्च कैसे निकल रहा था, मौत नेचुरल है या फिर हत्या. इन सभी सवालों को तलाशने में पुलिस जुटी है.