Petrol Diesel Sales: मानसून के आते ही कृषि क्षेत्र में मांग घटने और गाड़ियों की आवाजाही कम होने से जून में डीजल की बिक्री घटी है. जून में डीजल की खपत सालाना आधार पर 3.7 फीसदी घटकर 71 लाख टन रही. गौरतलब है कि देश में डीजल सर्वाधिक खपत वाला फ्यूल है और कुल मांग में इसकी 20 फीसदी हिस्सेदारी है. देश में डीजल वाहनों की तादाद भी अच्छी खासी है और गांवों में खासतौर पर ट्रेक्टर और ट्रक जैसे डीजल वाहनों की हिस्सेदारी से वहां मांग ज्यादा देखी जाती है.
अप्रैल और मई में बढ़ी थी डीजल की खपत
इससे पहले अप्रैल और मई में डीजल की खपत क्रमश: 6.7 फीसदी और 9.3 फीसदी बढ़ गई थी, क्योंकि इस दौरान कृषि मांग बढ़ गई थी और गर्मी से बचने के लिए कारों में एयर कंडीशनिंग का सहारा लिया. मासिक आधार पर डीजल की खपत लगभग स्थिर रही. मई में डीजल की बिक्री 70.9 लाख टन थी.
पेट्रोल की बिक्री में दर्ज किया गया इजाफा
जून में पेट्रोल की बिक्री सालाना आधार पर 3.4 फीसदी बढ़कर 29 लाख टन हो गई. आंकड़ों के मुताबिक मासिक आधार पर इसकी बिक्री स्थिर रही. जून में विमान ईंधन (एटीएफ) की मांग सालाना आधार पर छह फीसदी बढ़कर 587,300 टन हो गई.
मार्च में डीजल की खपत में देखा गया था जोरदार इजाफा
मार्च 2023 में देश में डीजल और पेट्रोल की खपत में बड़ा इजाफा देखा गया था और इसके प्री-कोविड लेवल पर पहुंचने की खबरों ने ध्यान आकर्षित किया था.
इस जून में क्यों घटी डीजल की खपत
इस साल यानी जून 2023 में डीजल की खपत घटने के पीछे का कारण अच्छा मानसून रहा है. अच्छे मानसून के कारण तापमान में बड़ी गिरावट देखी गई और इसके चलते खेतों की सिंचाई के लिए डीजल से चलने वाले पंप की जरूरत ज्यादा नहीं पड़ी क्योंकि पानी की उपलब्धता बनी रही. ट्रेक्टर्स और ट्रकों में लगने वाले डीजल की मांग में भी गिरावट देखी गई है और इसके आधार पर डीजल की खपत कम रही.