नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को अखिल भारतीय शिक्षा समागम 2023 के उद्घाटन के मौके पर बेहद अलग अंदाज में दिखे. इस दौरान पीएम मोदी ने वहां मौजूद कुछ छोटे बच्चों के साथ खूब बातचीत की. बच्चों के साथ हुई इस बातचीत का वीडियो पीएम मोदी ने खुद अपने ट्विटर हैंडल पर शेयर किया है. इस वीडियो में दिख रहा है कि प्रधानमंत्री जैसे ही वहां लगी एक प्रदर्शनी में पहुंचे तो उन्हें देखकर वहां मौजूद बच्चे बेहद खुश हो गए और पीएम मोदी के पास जाकर उन्हें नमस्ते कहा.
इस वीडियो में दिख रहा है कि पीएम मोदी को देखते ही बच्चे उनके पास पहुंच जाते हैं और ‘नमस्ते मोदी जी’ कहते हैं. इस दौरान कुछ बच्चे उनसे लिपट भी जाते हैं. इसके बाद पीएम मोदी उन बच्चों से पूछते हैं कि ‘मोदी जी को जानते हो तुम लोग?’ तो एक बच्चा बोलता है, ‘हां, हमने आपको टीवी पर देखा था.’
मासूम बच्चों के साथ आनंद के कुछ पल! इनकी ऊर्जा और उत्साह से मन उमंग से भर जाता है। pic.twitter.com/rGY2mv5eK8
— Narendra Modi (@narendramodi) July 29, 2023
इस पर पीएम मोदी उन बच्चों से पूछते हैं, ‘कहां देखा था? मैं क्या करता था टीवी पर?’ इसके साथ ही पीएम मोदी उन बच्चों के साथ बातचीत में मग्न हो जाते हैं. इसके बाद प्रधानमंत्री उन बच्चों के साथ पेंटिंग करते हुए दिखते हैं.
‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति देश की हर भाषा को उचित सम्मान देगी’
इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने एनईपी के तीन साल पूरे होने के मौके पर ‘अखिल भारतीय शिक्षा समागम’ के उद्घाटन कार्यक्रम में कहा कि छात्रों के साथ सबसे बड़ा अन्याय उन्हें उनकी क्षमताओं के बजाय उनकी भाषा के आधार पर आंकना है. पीएम मोदी ने कहा, ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति देश की हर भाषा को उचित सम्मान और श्रेय देगी… जो लोग अपने स्वार्थ के लिए भाषा का राजनीतिकरण करने की कोशिश करते हैं, उन्हें अब अपनी दुकानें बंद करनी होंगी.’ उन्होंने कहा, ‘मातृभाषा में शिक्षा भारत में छात्रों के लिए न्याय के एक नए रूप की शुरुआत कर रही है. यह सामाजिक न्याय की दिशा में भी एक बहुत महत्वपूर्ण कदम है.’
‘अंग्रेजी न बोल पाने वालों की होती है उपेक्षा’
दुनिया में भाषाओं की अधिक संख्या और उनके महत्व को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि कई विकसित देशों को उनकी स्थानीय भाषाओं के कारण बढ़त मिली है. उन्होंने यूरोप का उदाहरण देते हुए कहा कि ज्यादातर देश अपनी मूल भाषा का इस्तेमाल करते हैं. पीएम मोदी ने इस बात पर अफसोस जताया कि भले ही भारत में कई स्थापित भाषाएं हैं, लेकिन इन्हें पिछड़ेपन की निशानी के तौर पर पेश किया जाता है और जो लोग अंग्रेजी नहीं बोल सकते, उनकी उपेक्षा की जाती है और उनकी प्रतिभा को मान्यता नहीं दी जाती है. उन्होंने कहा, ‘इसके परिणामस्वरूप, ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चे सबसे अधिक प्रभावित रहते हैं. एनईपी को लाये जाने के साथ देश ने अब इस धारणा को त्यागना शुरू कर दिया है. संयुक्त राष्ट्र में भी, मैं भारतीय भाषा में बोलता हूं.’
प्रधानमंत्री ने कहा कि दुनिया भारत को नई संभावनाओं की ‘नर्सरी’ के तौर पर देख रही है और कई देश अपने यहां भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) के परिसर खोलने के लिए सरकार से संपर्क कर रहे हैं. पीएम मोदी मोदी ने कहा, ‘दुनिया भारत को नयी संभावनाओं की ‘नर्सरी’ के तौर पर देख रही है. कई देश अपने यहां आईआईटी परिसर खोलने के लिए हमसे संपर्क कर रहे हैं. दो आईआईटी परिसरों-तंजानिया में एक परिसर और अबू धाबी में एक परिसर-का संचालन शुरू होने वाला है… कई वैश्विक विश्वविद्यालय भी हमसे संपर्क कर रहे हैं. वे भारत में अपने परिसर खोलने में रुचि दिखा रहे हैं.’