पाकिस्तान में 7 साल भारत के अंडरकवर जासूस रह चुके हैं डोभाल, किए हैं कई बड़े कारनामे

नई दिल्ली: भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल (Ajit Doval) अपने जीवन में कई बड़े ऐसे कारनामे कर चुके हैं, जिनसे पाकिस्तान के कई नापाक मंसूबे नाकाम हो चुके हैं. एनएसए रहते हुए भी डोभाल ने पाकिस्तान को कई बार गहरी चोट पहुंचाई है. उत्‍तराखंड के पौड़ी गढ़वाल में जन्‍मे डोभाल 1968 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं.

7 सालों तक पाकिस्तान में मुसलमान बनकर रहे डोभाल

लंबे समय तक पुलिस सेवा में रहने के साथ ही डोभाल ने कई देशों में भारत के जासूस के रूप में एक लंबा समय बिताया है.

लेकिन एक बार उनका ये भेद खुल गया. डोभाल पाकिस्तान के लाहौर में रहा करते थे. लाहौर में ही औलिया की एक बहुत बड़ी मजार है.

उस व्यक्ति ने फिर कहा कि आप झूठ बोल रहे हैं आपके कान छिदे हुए हैं और एक हिंदू ही अपने कान छिदवाता है. डोभाल ने अपना बचाव करते हुए कहा कि मैंने बाद में मुस्लिम धर्म अपनाया है. उस व्यक्ति ने इसके बाद भी कहा कि आप झूठ बोल रहे हैं और ऐसा मैं इसलिए कह रहा हूं कि मैं खुद एक हिंदू हूं और यहां अपनी पहचान छिपाकर रह रहा हूं. उस व्यक्ति ने डोभाल को सुझाव दिया था कि वे अपने कान की प्लास्टिक सर्जरी करवा लें.  हालांकि बाद में डोभाल ने अपने कान की सर्जरी करवा ली.

डोभाल को 90 के दशक में कश्मीर भी भेजा गया था. उन्होनें वहां आतंकवादियों को समझाने और आतंकी गतिविधियों पर रोक लगाने की कोशिश की. डोभाल को अपनी मेहनत का फल तब मिला जब आगे चलकर साल 1996 में जम्‍मू और कश्‍मीर में चुनाव का रास्ता साफ हुआ.

ऑपरेशन ब्लू स्टार में भी डोभाल ने निभाई थी अहम भूमिका

साल 1984 में अमृतसर के स्वर्ण मंदिर पर हुए आतंकी हमले के जवाब में शुरू हुए ऑपरेशन ब्लू स्टार में भी डोभाल ने बड़ी भूमिका निभाई थी. वे एक रिक्शाचालक बनकर मंदिर के अंदर दाखिल हुए थे और कई खुफिया जानकारी जुटाई थी. उनके द्वारा दी गई जानकारी की सहायता से ही भारतीय सेना को ऑपरेशन में बड़ी सफलता मिली थी.

इसके अलावा उन्होंने साल 2015 में मणिपुर में भारतीय सेना पर हुए हमले के बाद म्यांमार की सीमा में घुसकर उग्रवादियों को खत्म करने के लिए किए गए ऑपरेशन में मुख्य भूमिका निभाई थी.

साल 2016 में जब भारतीय सेना के उरी स्थित कैंप पर हमला हुआ और जब  2019 में पाकिस्‍तानी आतंकियों ने पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले को निशाना बनाया.

इसके जवाब में भारतीय सेना ने जब एयर स्ट्राइक की, तो इस मिशन को सफल बनाने में भी डोभाल ने प्रमुख भूमिका निभाई थी.

error: Content is protected !!