कवर्धा। शासन की आत्मसमर्पण नीति से प्रभावित होकर महिला नक्सली ने आज छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिला पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। महिला नक्सली गोंदिया-राजनांदगांव-बालाघाट (जीआरबी) डिवीजन अंतर्गत टांडा/मलाजखंड एरिया कमेटी की सदस्य के रूप में सक्रिय थी।
इस पर छत्तीसगढ़ में 5 लाख रुपये, मध्यप्रदेश में 3 लाख रुपये और महाराष्ट्र में 5 लाख रुपये का इनाम घोषित था। कुल मिलाकर, इस महिला नक्सली पर 13 लाख रुपये का इनाम था। महिला नक्सली के खिलाफ मध्यप्रदेश के बालाघाट जिले में 19 अपराध और छत्तीसगढ़ के जिला केसीजी में 3 अपराध दर्ज हैं
जिला कबीरधाम में पुलिस महानिरीक्षक राजनंदगांव रेंज दीपक कुमार झा, पुलिस अधीक्षक कबीरधाम डॉ अभिषेक पल्लव, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विकास कुमार और पुष्पेन्द्र सिंह बघेल के मार्गदर्शन में चलाए जा रहे नक्सल उन्मूलन अभियान और शासन की पुनर्वास नीति के तहत भटके हुए नक्सलियों को समाज की मुख्यधारा में जोड़ने के लिए व्यापक प्रचार-प्रसार किया जा रहा है।
नक्सलियों के अमानवीय, आधारहीन विचारधारा, शोषण और अत्याचार से तंग आकर नक्सलवाद की ओर भटके युवा अब समाज की मुख्यधारा में जुड़ने का संकल्प कर रहे हैं। इसी क्रम में, महिला नक्सली रानीता उर्फ हिड़मे कोवासी, उम्र 22 वर्ष, निवासी पुलनपाड़, गोल्लापरा, थाना चिंतलनार, जिला सुकमा ने आत्मसमर्पण किया।
आत्मसमर्पण का विवरण
नक्सल संगठन में महिला नक्सली का कार्यकाल:
– वर्ष 2016 में किस्टाराम एरिया में बाल संगम में शामिल हुई।
– वर्ष 2017 में संगठन में पूर्ण सदस्य बनी और 6 माह किस्टाराम क्षेत्र में रही।
– सितंबर 2017 में विस्तार हेतु एमएमसी जाने के लिए कोतुल एरिया आई।
– अक्टूबर 2017 से 2020 तक टांडा एरिया कमेटी में रही।
– वर्ष 2021 से मलाजखंड एरिया कमेटी में सदस्य के रूप में सक्रिय रही।
– मलाजखंड एरिया में एसजेडसीएम/ डिवीजन सचिव विकास नागपुरे के साथ रही।
– संगठन में 2022 में मलाजखंड एरिया कमेटी कमांडर से शादी हुई। एक साल बाद पति-पत्नी अलग हो गए।
– संगठन में छोटे स्तर के कैडर के साथ भेदभाव और दुर्व्यवहार के कारण संगठन छोड़ दिया।
– संगठन में धारित हथियार: 12 बोर
अपराधिक रिकॉर्ड:
जिला खैरागढ़-छुईखदान-गंडई क्षेत्रांतर्गत 3, जिला बालाघाट (मप्र) क्षेत्रांतर्गत 19 नक्सली घटनाओं में शामिल रही।
इस प्रकार महिला नक्सली पर कुल 13 लाख रुपये का इनाम घोषित था। आत्मसमर्पण करने में जिला कबीरधाम के डीएसबी शाखा के कर्मचारी घनाराम सिन्हा, अभिजीत सिंह, कृपाराम, राजूलाल यादव, डीएसएफ आरक्षक और अन्य कर्मचारियों का विशेष योगदान रहा।
आत्मसमर्पित महिला नक्सली को पुनर्वास नीति के तहत तत्काल 25,000 रुपये की सहायता राशि प्रदान की गई। इसके साथ ही पुनर्वास नीति के तहत अन्य सभी सुविधाएँ उपलब्ध कराई जाएंगी।
जिला पुलिस कबीरधाम मीडिया के माध्यम से नक्सल संगठन में कार्यरत सभी लोगों से अपील करती है कि वे हिंसा का मार्ग त्याग कर समाज की मुख्यधारा में शामिल हों और एक स्वस्थ, सुरक्षित और खुशहाल जीवन जीएं। हमारा उद्देश्य सभी भटके हुए युवाओं को पुनर्वासित कर उन्हें सम्मानित और समृद्ध जीवन प्रदान करना है। हिंसा का मार्ग छोड़कर आत्मसमर्पण करने वाले सभी व्यक्तियों को हर संभव सहायता और सुरक्षा प्रदान की जाएगी।