IPS Ankita Sharma Success Story: हर साल लाखों उम्मीदवार दृण इच्छा और कड़ी मेहनत के साथ यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा देते हैं. ऐसे में परीक्षा की तैयारी के दौरान कई महत्वाकांक्षी उम्मीदवार देश के कई सफल आईएएस और आईपीएस अधिकारियों से प्रेरणा भी लेते हैं. इसलिए आज हम आपको एक ऐसी ही आईपीएस अधिकारी अंकिता शर्मा की सफलता भरी कहानी के बारे में बताएंगे, जो यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रहे हर उम्मीदवार के लिए प्रेरणा स्रोत है. आईपीएस अंकिता शर्मा नें भारत की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक को पास करके और आईपीएस अधिकारी का पद हासिल किया था.
छत्तीसगढ़ के दुर्ग की रहने वाली अंकिता का जन्म 25 जून 1990 को हुआ था. उनकी मां सविता शर्मा एक गृहिणी हैं और उनके पिता राकेश शर्मा एक बिजनेमैन हैं. वह तीन भाई-बहनों में सबसे बड़ी हैं. बता दें अंकिता बचपन से ही पढ़ाई में अव्वल रही हैं. उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा एक सरकारी स्कूल से हासिल की है. इसके बाद अंकिता ने अपने होम टाउन से ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की, जिसके बाद उन्होंने MBA की पढ़ाई भी की.
सेल्फ स्टडी के जरिए क्रैक की परीक्षा
इसके बाद वह यूपीएससी की पढ़ाई के लिए अंकिता दिल्ली चली गईं, हालांकि, वह वहां केवल 6 महीने ही रहीं और फिर घर वापस आकर वह खुद परीक्षा की तैयारी करने लगी. साल 2018 में अंकिता शर्मा ने अपने तीसरे प्रयास में यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा क्रैक कर डाली. उन्होंने ऑल इंडिया 203 रैंक हासिल की थी.
नक्सल ऑपरेशन की संभाली जिम्मोदारी
इसके परिणामस्वरूप अंकिता होम कैडर प्राप्त करने वाली छत्तीसगढ़ की पहली महिला आईपीएस हैं. मई 2022 से वह खैरागढ़ की एसपी थीं. वहीं, नक्सल प्रभावित बस्तर जिले में अंकिता शर्मा नक्सल ऑपरेशन की इंचार्ज थीं. वह पहले रायपुर की राजधानी आजाद चौक के पड़ोस में मुख्य पुलिस अधीक्षक (CSP) के रूप में कार्यरत थीं.
इनसे प्रेरित होकर बनी IPS
अंकिता शर्मा ने एक इंटरव्यू में कहा था कि वह हमेशा से आईपीएस बनना चाहती थीं, लेकिन उन्हें इस फील्ड की कोई नॉलेज नहीं थी और उनकी मदद करने वाला भी कोई नहीं था. इसके चलते उन्हें दिक्कतों का सामना करना पड़ा. हालांकि, अंकिता शर्मा पर आईपीएस किरण बेदी (IPS Kiran Bedi) का खासा प्रभाव रहा था. बचपन से ही अंकिता शर्मा किरण बेदी की तरह बनना चाहती थीं.
अंकिता शर्मा के पति विवेकानंद शुक्ला सेना में मेजर हैं. उन्हें अपने पति के साथ जम्मू-कश्मीर, हैदराबाद और झांसी जैसे शहरों में रहने के लिए मजबूर होना पड़ा. लेकिन उन्होंने आगे कहा कि उनकी सफलता में उनके पति का विशेष योगदान है.