मणिपुर में विद्रोहियों और सुरक्षा बलों में रात भर चली मुठभेड़, BSF जवान शहीद

इंफाल. मणिपुर (Manipur) के हिंसाग्रस्त सेरौ इलाके में विद्रोहियों और सुरक्षा बलों के बीच रात भर चली मुठभेड़ में सीमा सुरक्षा बल (BSF) का एक जवान शहीद हो गया और असम राइफल्स (Assam Rifles) के दो जवान गोली लगने से घायल हो गए. सेना ने मंगलवार को यह जानकारी दी है. सेना (Army) के स्पीयर कॉर्प्स मुख्यालय दीमापुर ने ट्विटर पर कहा कि घायलों को मंत्रीपुखरी ले जाया गया है और तलाशी अभियान जारी है. मणिपुर में सुगनू/सेरो के इलाके में असम राइफल्स, बीएसएफ और पुलिस ने एक बड़ा ऑपरेशन चलाया. सेना ने कहा कि 05/06 जून की पूरी रात सुरक्षा बलों और विद्रोहियों के समूह के बीच रुक-रुक कर फायरिंग हुई. सुरक्षा बलों ने फायरिंग का प्रभावी ढंग से जवाब दिया.

सेना ने कहा कि गोली लगने से गंभीर रूप से घायल बीएसएफ के जवान रंजीत यादव को जीवन अस्पताल, काकचिंग ले जाया गया. जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. मणिपुर में पिछले एक महीने से हिंसा जारी है और पूरे राज्य में आम जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. हिंसा की घटनाओं में 80 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है. केंद्र सरकार ने मणिपुर में हुई हिंसा की जांच के लिए गुवाहाटी हाईकोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश अजय लांबा की अध्यक्षता में रविवार को एक जांच आयोग का गठन किया. आयोग 3 मई को और उसके बाद मणिपुर में विभिन्न समुदायों के सदस्यों को निशाना बना कर हुई हिंसा और उसके कारणों की जांच करेगा.
गौरतलब है कि मणिपुर में 3 मई को बड़े पैमाने पर हिंसा भड़की, जिसके कारण कई लोगों की जान चली गई और कई अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए. आगजनी में लोगों के घरों और संपत्तियों को नुकसान पहुंचा तथा लाखों लोग बेघर हो गए. मेइती समुदाय को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मांग के विरोध में 3 मई को मणिपुर के पहाड़ी जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के आयोजन के बाद मणिपुर में जातीय हिंसा भड़क उठी. आरक्षित वन भूमि से कुकी समुदाय के ग्रामीणों को बेदखल करने पर पहले से ही तनाव था. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राज्य में लोगों के बीच भरोसे की बहाली के उपायों के लिए चार दिन राज्य का दौरा किया और समाज के सभी वर्गों से मुलाकात की.

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