रायपुर. मुख्यमंत्री साय के निर्देशों के परिपालन में वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री केदार कश्यप के मार्गदर्शन में विभाग की ओर से बस्तर संभाग के सुकमा, बीजापुर और नारायणपुर जिलों के तेंदूपत्ता संग्राहकों को अब पारिश्रमिक राशि का नकद भुगतान किया जाएगा. इन जिलों में हाट-बाजारों में कैंप लगाकर राशि का नगद भुगतान किया जाएगा. तीनों जिलों में बैंकों की शाखाएं दूर-दूर हैं, इसलिए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने तेंदूपत्ता संग्राहकों की सहूलियत को ध्यान में रखते हुए वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग को यह निर्देश जारी किए हैं.
हाट बाजार में लगाए जाएंगे कैंप (Chhattisgarh Tendu Patta Price)
लाभार्थी किसानों को सहायता राशि का लाभ समय से मिल सके, इसके लिए छत्तीसगढ़ की विष्णुदेव साय सरकार ने एक कारगर उपाय निकाला है. दरअसल छत्तीसगढ़ में दूरदराज के Tribal Areas में बैंक की शाखाएं दूर दूर होने के कारण तेंदूपत्ता संग्रहण करने वाले किसानों को उपज की खरीद के एवज में Direct Bank Transfer यानी डीबीटी के माध्यम से भेजे जा रहे पैसे का लाभ समय पर नहीं मिल पाता था. सरकार की ओर से बताया गया कि सुकमा, बीजापुर और नारायणपुर जिलों के तेंदूपत्ता संग्राहक किसानों काे एक निश्चित समय तय करके उपज संग्रह के पारिश्रमिक का भुगतान किया जाएगा. इसके लिए हाट-बाजारों में समय समय पर कैंप लगाए जाएंगे. इन कैंप में तेंदूपत्ता संग्राहकों को वर्ष 2024 में पारिश्रमिक राशि का नकद भुगतान किया जाएगा.
वन मंत्री ने दिए दिशा निर्देश
छत्तीसगढ़ के वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री केदार कश्यप की ओर से बताया गया कि विभाग द्वारा इस संबंध में विस्तृत दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं. सुकमा, बीजापुर और नारायणपुर जिलों के अलावा अन्य जिलों में तेंदूपत्ता संग्राहकों को उनके खाते में पारिश्रमिक राशि का भुगतान डीबीटी के माध्यम से ही किया जाएगा. तेंदूपत्ता संग्रहण का नकद भुगतान जिला कलेक्टर की निगरानी में किया जाएगा.
नकद भुगतान की होगी वीडियोग्राफी
राव ने बताया कि नकद भुगतान के लिए पात्र किसानों का निर्धारण कलेक्टर द्वारा किया जाएगा. ऐसे प्रत्येक पात्र किसान का नकद भुगतान कलेक्टर की अनुमति से होगा. इसके लिए इन तीनों जिलों में कलेक्टर, वन मंडल अधिकारी एवं प्रबंध संचालक द्वारा आपसी समन्वय से प्रस्तावित क्षेत्र के अंतर्गत हाट बाजार या अन्य उपयुक्त स्थान पर कैंप लगाया जाएगा.