नई दिल्ली. सोशल मीडिया पर डीपफेक (Deepfake) को लेकर काफी चर्चा है. हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने डीपफेक के बढ़ते मामलों को लेकर गहरी चिंता जताई थी. इस बीच केंद्र सरकार ने डीपफेक को लेकर मेटा (Meta) और गूगल (Google) समेत सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को नोटिस जारी किया है और सभी प्लेटफॉर्म ने जवाब दिया है. सरकार जल्द ही इस मुद्दे पर सोशल मीडिया प्लेटफार्मों से चर्चा करेगी.
आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव (Ashwini Vaishnaw) ने शनिवार (18 नवंबर) को कहा कि अगर प्लेटफॉर्म डीपफेक को हटाने के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठाते हैं तो उन्हें आईटी एक्ट के सेफ हार्बर इम्युनिटी क्लॉज (Safe Harbour Immunity Clause) के तहत संरक्षण नहीं मिलेगा. वैष्णव ने कहा कि सरकार ने हाल ही में डीपफेक मुद्दे पर कंपनियों को नोटिस जारी किया था और प्लेटफार्मों ने जवाब भी दिया. उन्होंने कहा कि लेकिन कंपनियों को ऐसी सामग्री पर कार्रवाई करने में अधिक आक्रामक होना होगा.
PM मोदी ने डीपफेक को लेकर जताई थी चिंता
हाल ही में प्रमुख एक्टर्स को निशाना बनाने वाले कई डीपफेक वीडियो वायरल हुए, जिनसे आक्रोश फैल गया. शुक्रवार (17 नवंबर) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आगाह किया था कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस द्वारा बनाए गए डीपफेक बड़े संकट का कारण बन सकते हैं और समाज में असंतोष पैदा कर सकते हैं. उन्होंने मीडिया से इसके दुरुपयोग के बारे में जागरूकता बढ़ाने और लोगों को शिक्षित करने का आग्रह किया.
क्या होता है Deepfake
वीडियो में किसी व्यक्ति के चेहरे या शरीर को डिजिटल रूप से बदलने की डीपफेक कहते हैं. ये वीडियो किसी को भी आसानी से धोखा दे सकते हैं. इसमें मशीन लर्निंग (ML) और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का सहारा लिया जाता है.