नई दिल्ली: जम्मू कश्मीर में अलगाववादी विचारधारा को लेकर मोदी सरकार का बड़ा एक्शन सामने आया है. तहरीक-ए-हुर्रियत जम्मू कश्मीर संस्था को भारत सरकार ने गैर कानूनी संगठन घोषित किया है. गृह मंत्री अमित शाह ने भारत सरकार के इस कदम पर ट्वीट किया है. बता दें कि नए उप कानून के तहत इसे गैर कानूनी संगठन घोषित किया गया है.
भारत सरकार के मुताबिक पिछले कई सालों से जम्मू कश्मीर में अलगाववादी विचारधारा को बढ़ावा देने के लिए तहरीक-ए-हुर्रियत जम्मू कश्मीर काम कर रही थी. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर बताया, ‘तहरीक-ए-हुर्रियत, जम्मू-कश्मीर को UAPA के तहत एक ‘गैरकानूनी संगठन’ घोषित किया गया है.
The ‘Tehreek-e-Hurriyat, J&K (TeH) has been declared an 'Unlawful Association' under UAPA.
The outfit is involved in forbidden activities to separate J&K from India and establish Islamic rule. The group is found spreading anti-India propaganda and continuing terror activities to…— Amit Shah (@AmitShah) December 31, 2023
गृहमंत्री ने X पर अपने पोस्ट मे लिखा, ‘यह संगठन जम्मू-कश्मीर को भारत से अलग करने और इस्लामिक शासन स्थापित करने की निषिद्ध गतिविधियों में शामिल है. यह समूह जम्मू-कश्मीर में अलगाववाद को बढ़ावा देने के लिए भारत विरोधी प्रचार फैला रहा है और आतंकवादी गतिविधियां जारी रख रहा है. आतंकवाद के खिलाफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की जीरो टॉलरेंस पॉलिसी के तहत, भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल पाए जाने वाले किसी भी व्यक्ति या संगठन को तुरंत विफल कर दिया जाएगा.’
तहरीक-ए-हुर्रियत जम्मू व कश्मीर सैयद अली शाह गिलानी द्वारा स्थापित एक अलगाववादी संगठन था. इसकी स्थापना 7 अगस्त 2004 को गिलानी द्वारा अपनी पूर्व पार्टी जमात-ए-इस्लामी कश्मीर छोड़ने के पश्चात् की गई थी. मालूम हो कि अनलॉफुल एक्टिविटीज प्रिवेन्शन एक्ट (UAPA) के तहत केंद्र सरकार किसी संगठन को ‘गैरकानूनी’ या ‘आतंकवादी’ घोषित कर सकती है. इसे ही आम बोलचाल की भाषा में ‘प्रतिबंध’ कहा जाता है. गृह मंत्रालय के मुताबिक, इस समय देश में 43 संगठनों को आतंकी संगठन घोषित किया गया है यानी उन पर प्रतिबंध लगाया गया है. इनमें कई खालिस्तानी संगठन, लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद, लिट्टे और अलकायदा जैसे 43 संगठन शामिल हैं.