अभनपुर। अभनपुर के स्वामी आत्मानंद स्कूल में हजारों की संख्या में सरकारी किताबों को डंप किए जाने का मामला सामने आते ही भाजपा विधायक इंद्र कुमार साहू निरीक्षण करने पहुंचे. मुआयना करने के बाद उन्होंने जिम्मेदार अधिकारियों से पुस्तकों को व्यवस्थित रखने की बात कही.
दरअसल, रायपुर पश्चिम के पूर्व विधायक विकास उपाध्याय ने आज गुरुवार को अभनपुर के शासकीय आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल पहुंचकर वहां हजारों की संख्या में रखी सरकारी पाठ्य पुस्तकों को वितरित नहीं कर बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाया था.
क्षेत्रीय विधायक इंद्र कुमार साहू स्वामी आत्मानंद स्कूल में पहुंचकर पुस्तकों के स्टॉक निरीक्षण किया. इसके बाद विधायक ने कहा कि कांग्रेसियों के पास कोई मुद्दा नहीं रह गया है, और वे बेवजह मामले को तुल दे रहे हैं. विधायक ने कहा कि बच्चों को वितरित करने के बाद शेष बची पुस्तकों को आगामी शिक्षण सत्र के लिए सुरक्षित रखा गया है. इस बात की जानकारी शिक्षा विभाग के अधिकरियों को भी है. इसके साथ ही उन्होंने स्पष्ट किया कि स्कूल में पुस्तक कबाड़ में या अवस्थित नहीं रखी गई है.
वहीं दूसरी ओर विकास उपाध्याय के आरोपों पर स्थानीय कांग्रेस नेता ने सुर में सुर मिलाते हुए कहा कि चूंकि शासकीय पुस्तकों में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की फोटो छपी हुई है, इसलिए भाजपा सरकार इन्हें वितरित नहीं कर बच्चों की भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है. वहीं एक अन्य कांग्रेस नेता ने जनबूझकर नि:शुल्क सरकारी किताबों को वितरित नहीं किए जाने का आरोप लगाया था, जिससे पालक दुकानों में जाकर उन पुस्तकों को खरीदने को मजबूर हों.
इन आरोपों पर विकासखंड शिक्षा अधिकारी भुवनेश्वरी साहू ने कहा कि शासन की ओर से विकासखंड के विभिन्न स्कूलों में वितरित करने हेतु पुस्तक भेजी जाती हैं. इस वर्ष भेजी गई पुस्तकों में से लगभग 3 लाख पुस्तकें स्कूलों में वितरित की जा चुकी हैं. जिन पुस्तकों को डंप करके की बात कही जा रही है, वे डंप नहीं बल्कि सुरक्षित रखी गई हैं, जिससे विकासखंड के किसी भी स्कूल में बच्चों की दर्ज संख्या बढ़ती है, तो ऐसी स्थिति में तत्काल पुस्तकें वितरित की जा सकें.
बीईओ ने बताया कि शनिवार को उच्च विभाग को उन्होंने जानकारी दे दी थी कि अभनपुर के स्वामी आत्मानंद स्कूल में 30 हजार के करीब शासकीय पुस्तकें शेष रखी हुई हैं, जिस पर अधिकारियों ने उन्हें बची पुस्तकों को सुरक्षित रखने के लिए निर्देशित किया गया है, जिससे छात्रों की दर्ज संख्या बढ़ने पर संबंधित स्कूल को आकस्मिक आपूर्ति की जा सके. साथ ही अगले शैक्षणिक वर्ष में भी वितरित की जा सके.