इस तरह जनस्वास्थ्य से खिलवाड़ करने वालों के खिलाफ कार्यवाही क्यों नहीं?
राजनांदगांव। शहर स्थित स्टेट हाई स्कूल के विशाल परिसर में कचरा नहीं फेंकने देने का निर्देश कुछ दिन पहले कलेक्टर ने निरीक्षण के दौरान निगम आयुक्त को दिया था। तब कुछ और भी अधिकारी साथ में थे। आज आलम यह है कि मोटर गाड़ी से भी कचना लाकर इस विद्यालय के परिसर में उड़ेला जा रहा है। यदि ऐसा ही चलता रहा तो शाला परिसर में कचरों का और जमावड़ा बढ़ सकता है। जिससे विद्यार्थियों व शिक्षकीय अमला ही नहीं अपितु राहगीरों को भी गंदगी, बदबू का सामना पहले से ज्यादा करना पड़ेगा।
उक्त संबंध में शासकीय बहुद्देशीय हा. से. स्कूल (स्टेट स्कूल) के प्राचार्य एनएस पट्टा और वहीं मिडिल स्कूल के हेडमास्टर देवानंद बोरकर ने संयुक्त तौर से बताया कि दर्ज संख्या मिडिल में 200 व हाईस्कूल में 800 विद्यार्थियों सहित एक हजार की है। कोविड 19 कोरोना को ध्यान में रखते हुए विद्यार्थियों की उपस्थिति ऐच्छिक हो रही है। फिर भी 50 फीसदी विद्यार्थी स्कूल आ रहे हैं। इसी दौरान 10 दिन पहले कलेक्टर ने इस स्कूल परिसर का मुआयना किया था जिसमें उन्होंने मुक्कड़ जैसा कचरा देखकर स्कूल परिसर में कचरा नहीं फेंकने देने के लिये नगर निगम आयुक्त को निर्देशित किये थे। देखा गया कि कचहरी मार्ग में स्कूल की टूटी दीवार की तरफ मालवाहक टिकाकर कचरा उलीचे जा रहे हैं। प्राचार्य श्री पट्टा ने कहा कि दीवारें ऊंची की जायेगी। विद्यालय परिसर को स्वच्छ और सुंदर बनाने की प्रक्रिया अब शुरू हो चुकी है।