बैतूल। कहते हैं कि बजरंग बली भक्तों की हर दुख और कष्ट हर लेते हैं. माना जाता है कि कलयुग में हनुमान जी के सामने जो भी अर्जी लगाता है, वो खाली हाथ नहीं लौटता. ऐसा ही एक सिद्ध मंदिर मध्य प्रदेश के बैतूल (Betul) जिले के टिकारी में स्थित दक्षिण मुखी हनुमान मंदिर (Dakshin Mukhi Hanuman Temple) है. इस 200 वर्ष से ज्यादा प्राचीन मंदिर में पढ़ाई करने वाले छात्रों से लेकर सभी तरह की परेशानियों में घिरे लोग भोज पत्र, पीपल के पत्ते या फिर अकाव के पत्तों पर अपनी अर्जी लिखकर हनुमान जी के चरणों मे अर्पित करते हैं. हनुमान जी उनकी मनचाही मुराद पूरी भी करते हैं. इस हनुमान मंदिर की सबसे खास बात ये है कि यहां सुबह जब मंदिर के पट खुलते हैं, तो हनुमान जी के दर्शन सबसे पहले भगवान शनि देव (Lord Shani Dev) करते हैं.
संकट कटे मिटे सब पीरा जो सुमिरै हनुमत बलबीरा. हनुमान चालीसा की इन पंक्तियों में कितनी शक्ति है इसका अनुभव बैतूल के टिकारी क्षेत्र में स्थित दक्षिण मुखी सिद्ध हनुमान दरबार में होता है. लगभग 200 वर्ष पूरे कर चुके इस मंदिर में पवन पुत्र हनुमान मंदिर में बैतूल जिले के लोगों की गहरी आस्था है. एक स्थानीय जमींदार द्वारा स्थापित इस हनुमान मंदिर में दो सदियों से लगातार हनुमान भक्तों की आस्था बनी हुई है. सप्ताह में शनिवार और मंगलवार के दिन तो यहां भक्तों का सैलाब उमड़ जाता है. यहां स्थापित प्रतिमा की खासियत ये है कि यहां हनुमान जी दाएं हाथ में संजीवनी पर्वत को उठाए दिखते हैं जो अति शुभ माना गया है.
शनि देव करते हैं हनुमान जी के सबसे पहले दर्शन
इस मंदिर के साथ एक दुर्लभ संयोग जुड़ा है, जो काफी विरला है. मंदिर के मुख्य द्वार के सामने एक शमी का वृक्ष है. माना जाता है कि शमी के वृक्ष में भगवान शनि का वास होता है. इसलिए सुबह जैसे ही मंदिर के पट खुलते हैं, तब हनुमान जी के प्रथम दर्शन भगवान शनि करते हैं. ऐसा माना जाता है कि यहां हनुमान जी के दर्शन करने मात्र से लोग भगवान शनि के प्रकोप से भी बच जाते हैं.
अर्जी लगाने से पूरी होती है मुराद
इस दक्षिण मुखी हनुमान मंदिर में अर्जी लगाने का तरीका भी काफी दिलचस्प है. पिछली दो सदी से लोग यहां भोज पत्रों, पीपल और अकाव के पत्तों पर अपनी मनोकामना लिखकर हनुमान जी के चरणों मे अर्पित करते हैं. ऐसी मान्यता है कि लगातार 11 शनिवार इस तरह से अर्जी लगाने पर हनुमान जी अपने हर भक्त की मुराद जरूर पूरी करते हैं.
छात्रों के लिए आशीर्वाद सोने पर सुहागा
पढ़ने लिखने वाले छात्रों के लिए मेहनत के साथ हनुमान जी का आशीर्वाद सोने पर सुहागे का काम करता है. रोजाना मंदिर में ऐसे कई छात्र मिल जाते हैं. जिन्होंने पढ़ाई में मेहनत करने के साथ इस हनुमान मंदिर में अर्जी भी लगाई और उन्हें सफलता मिली.
दरबार में मुश्किलों से मिलता है निजात
वहीं बीमारियों, प्रॉपर्टी के विवादों और मानसिक संत्रास से घिरे लोगों को भी इस दरबार में आकर ना सिर्फ मुश्किलों से निजात मिलती है, बल्कि एक अलौकिक शांति का अनुभव भी होता है. इस दरबार में आने वाला शायद ही कोई ऐसा भक्त होगा, जिसने हनुमान जी के चमत्कारों का अनुभव ना किया हो. हर किसी के पास बताने के लिए कुछ होता है. मान्यता है कि महाभारत काल में पांडवों ने अस्त्र-शस्त्र इसी पेड़ पर छिपाए थे.
आज तक नहीं लौटा कोई खाली हाथ
बैतूल के टिकारी क्षेत्र में स्थित दक्षिण मुखी सिद्ध हनुमान मंदिर में एक बार जो भक्त आता है, वो फिर सदा के लिए इस दरबार का होकर रह जाता है. आज तक ऐसा कोई भी नहीं है जिसने ये कहा हो कि वो इस दरबार से खाली हाथ लौटा है. यहां आकर आप ना सिर्फ हनुमान जी बल्कि श्रीराम दरबार, माता दुर्गा, भगवान शिव परिवार के भी दर्शन कर सकेंगे. हनुमान जी के इन्ही गुणों के कारण तो कहा गया है कि रघुपति किन्ही बहुत बढ़ाई, तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई.