नई दिल्ली. प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ ने मंगलवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर आगामी 2 अगस्त से सोमवार और शुक्रवार को छोड़कर सुबह 10.30 बजे सुनवाई शुरू होगी. सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने कहा कि मामले से जुड़े सभी दस्तावेज पेपरलेस फाइल किए जाएं. इसके साथ ही सीजेआई की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने मामले से संबंधित दस्तावेज दाखिल करने, पक्षों द्वारा लिखित दलीलें देने के लिए 27 जुलाई की समय सीमा तय की है.
उच्चतम न्यायालय ने सुनवाई के दौरान अनुच्छेद 370 को निरस्त करने को चुनौती देने वाले याचिकाकर्ताओं की सूची से अपना नाम हटाने के लिए आईएएस अधिकारी शाह फैसल द्वारा दिए गए आवेदन पर विचार की भी मंजूरी दी. इसके साथ ही शीर्ष अदालत ने याचिकाकर्ताओं की सूची से अपना नाम हटाने के अनुरोध वाली, कार्यकर्ता शेहला राशिद शोरा की याचिका भी विचार के लिए स्वीकार कर लिया.
इससे पहले, संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त किये जाने का बचाव करते हुए केंद्र ने सोमवार को उच्चतम न्यायालय से कहा कि यह कदम उठाये जाने के बाद जम्मू कश्मीर के पूरे क्षेत्र में ‘अभूतपूर्व’ शांति, प्रगति और समृद्धि देखने को मिली है. केंद्र ने कहा कि आतंकवादियों द्वारा सड़कों पर की जाने वाली हिंसा और अलगाववादी नेटवर्क अब ‘अतीत की बात’ हो चुकी है.
क्षेत्र की विशिष्ट सुरक्षा स्थिति का संदर्भ देते हुए केंद्र ने कहा कि आतंकवादी-अलगाववादी एजेंडा से जुड़ी सुनियोजित पथराव की घटनाएं वर्ष 2018 में 1,767 थीं, जो घटकर 2023 में आज की तारीख में शून्य हो गई हैं और सुरक्षाकर्मियों के हताहत होने के मामलों में 2018 की तुलना में 2022 में 65.9 प्रतिशत की कमी आई है।
केंद्र के हलफनामे पर मंगलवार को प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ गौर करेगी। पीठ द्वारा जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं के एक समूह पर सुनवाई की जानी है।
केंद्र ने पांच मई 2019 को पूर्ववर्ती राज्य जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा निरस्त कर दिया था और इसे दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू कश्मीर तथा लद्दाख के रूप में विभाजित कर दिया था।
केंद्र ने दलील दी कि ऐतिहासिक संवैधानिक कदम क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रगति, सुरक्षा और स्थिरता लेकर आया है, जो अनुच्छेद 370 के लागू रहने के दौरान नहीं था।
हलफनामे में कहा गया है, ‘‘जी20 पर्यटन कार्य समूह की मई 2023 में श्रीनगर में हुई बैठक घाटी में पर्यटन का एक ऐतिहासिक अवसर था और देश ने गर्व से विश्व को अपना यह दृढ़ संकल्प प्रदर्शित किया कि अलगावादी क्षेत्र को एक ऐसे इलाके में तब्दील किया जा सकता है, जहां अंतरराष्ट्रीय गणमान्य अतिथियों को बुलाया जा सकता है और वैश्विक कार्यक्रम आयोजित किये जा सकते हैं।’’
इसमें कहा गया है, ‘‘बेहतर सुरक्षा परिदृश्य में, केंद्र शासित प्रदेश में एक जनवरी 2022 से 31 दिसंबर 2022 तक 1.88 करोड़ पर्यटक आए, जो अब तक की सर्वाधिक संख्या है।’’