सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को अजित पवार, NCP के राष्ट्रीय अध्यक्ष, से कहा कि वे अपने पैरों पर खड़े होना सीखें. साथ ही, कोर्ट ने अजित गुट की पार्टी के लिए महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में शरद पवार की फोटो और वीडियो का उपयोग करने पर भी रोक लगा दी. जस्टिस सूर्या कांत और जस्टिस उज्जवल भुइयां की बेंच ने कहा कि आप अपने पैरों पर खड़े होना सीखिए. आपको पता है कि 20 नवंबर को सभी 288 सीटों पर एक ही फेज में मतदान होना है, और 23 नवंबर को झारखंड के साथ नतीजे घोषित किए जाएंगे.
कोर्ट ने अजित पवार की एनसीपी से कहा कि उन्हें अपनी अलग पहचान के आधार पर ही चुनाव लड़ना होगा. कोर्ट ने अजित पवार को भी कहा कि वे अपनी पार्टी के नेताओं को निर्देश दें कि वे शरद पवार की तस्वीरें और वीडियोज का उपयोग नहीं करें. शरद पवार ने यह याचिका दायर की थी, जिसमें उन्होंने अजित पवार को महाराष्ट्र चुनाव में घड़ी सिंबल का उपयोग नहीं करने देने की मांग की थी.
लाइव लॉ की रिपोर्ट के अनुसार, कोर्ट की सुनवाई के दौरान शरद पवार की ओर से उपस्थित वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कुछ पोस्टर्स और फोटो दिखाए, जिसमें दावा किया गया कि अजित पवार गुट के कैंडिडेट शरद पवार की तस्वीरों का इस्तेमाल कर रहे हैं. पवार. बलबीर सिंह, अजित पवार की ओर से उपस्थित वकील, ने कहा कि फोटो और वीडियो को एडिट किया हुआ बताया. दूसरी ओर, सिंघवी ने कहा कि वीडियो को कैंडिडेट के ऑफिशियल हैंडल से शेयर किया गया था.
जस्टिस सूर्यकांत ने सिंघवी से पूछा कि क्या आपको लगता है कि महाराष्ट्र के लोगों को दोनों गुटों में चल रही विवाद के बारे में पता नहीं है? सिंघवी ने कहा कि आज का भारत अलग है, और गांवों के लोग दिल्ली में जो कुछ देखते हैं, उससे ज्यादा देखते हैं. उन्होंने कोर्ट को बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने जो आदेश दिया था, उसका पालन करना दूसरे पक्ष के लिए जरूरी है.