‘कंगारू कोर्ट नहीं…’ कांग्रेस नेता बोले- कसाब की तरह तहव्वुर को भी मिले वकील रखने का अधिकार

26/11 मुंबई हमलों के आरोपी तहव्वुर राणा (Tahawwur Rana) के भारत प्रत्यर्पण पर कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण (Prithviraj Chavan) का बड़ा बयान सामने आया है. उन्होंने राणा के प्रत्यर्पण पर निष्पक्ष सुनवाई और भारतीय कानूनी प्रक्रियाओं के पालन की मांग की है. कांग्रेस नेता ने कहा कि उसे कसाब की तरह ही न्यायिक प्रक्रिया को लेकर हर सुविधाएं उपलब्ध कराई जानी चाहिए. उन्होंने कहा इस देश में कंगारू कोर्ट नहीं चलेगा, क्योंकि पूरी दुनिया की नजर भारत पर है.

कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा, ”ये बहुत ही अच्छी बात है कि तहव्वुर राणा को भारत लाया गया है. उसे तिहाड़ जेल में रखा गया है. उस पर पूरी कानूनी कार्रवाई होगी, मुकदमा चलेगा और कानून के मुताबिक उसे सजा मिलेगी. मुंबई पुलिस ने घटना के बाद तहव्वुर राणा और डेविड कोलमैन हेडली इन दोनों के नाम अमेरिकी सरकार को दिए थे कि ये मास्टरमाइंड है.

पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा, ”भारत ने पूरे सबूत पेश किए हैं. हेडली की इंटेरोगेशन भी हुई है. राणा ने अपना गुनाह कबूल नहीं किया है जबकि डेविड कोलमैन हेडली ने अपना गुनाह कबूल कर लिया. अमेरिका ने हेडली को तो अपने साथ मिला लिया है. वो एक इनफॉर्मर जैसा बन गया है. स्टेट गवाह बन गया है और उसको ड्रग्स एनफोर्समेंट एजेंसी में शामिल कर लिया है ताकि ड्रग्स तस्करी को रोका जा सके. वो अमेरिकी सरकार से तनख्वाह पाता है तो उसको भारत भेजने का सवाल ही नहीं उठता है.”

उन्होंने आगे कहा, ” 2009 से बड़ी लंबी लड़ाई के बाद अब 2025 में दोनों में से एक को वापस लाया गया है. NIA ने अमेरिका जाकर उसे अपने कंट्रोल में लिया और भारत लाकर जेल में डाला हुआ है. उसका मुकदमा चलेगा. कांग्रेस नेता ने कहा, हम मांग करते हैं कि जैसे कसाब के लिए भारतीय कानूनों के तहत उचित मुकदमा चला, उसे अपनी बात कहने और वकील रखने का अधिकार मिले. उसे वकील दिया गया और उसे हाई कोर्ट के साथ-साथ सुप्रीम कोर्ट में अपील करने का अवसर मिला. इन सबके बाद फैसला सुनाया गया, वैसे ही राणा के साथ हो.”

पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा, ”जब राणा के लिए मुकदमा चलेगा, तो उसे भी कानूनी अधिकार दिए जाने चाहिए और उसे जो भी सजा दी जाएगी, उसे स्वीकार करना होगा. हमारे देश में कंगारू कोर्ट नहीं चलेगा. हादसा हुआ है, उसने घटना को अंजाम दिया है, उसकी जिम्मेदारी तय करनी पड़ेगी. भारत के कानून के तहत उसे सजा भुगतनी पड़ेगी. मैं समझता हूं कि ये होगा.

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