2013 हैदराबाद ब्लास्ट: तेलंगाना हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, 5 दोषियों की फांसी की सजा बरकरार

Hyderabad Blasts: तेलंगाना हाईकोर्ट (High Court) ने दिलसुखनगर में 2013 के बम विस्फोट मामले के आरोपियों को मौत की सजा देने का फैसला सही ठहराया है. हाईकोर्ट ने NIA की स्पेशल कोर्ट के फैसले को सही ठहराते हुए अख्तर, रहमान, यासीन भटकल, तहसीन अख्तर और एजाज शेख को फांसी की सजा बरकरार रखी है. साल 2013 में हैदराबाद में दो ब्लास्ट हुए थे. इस घटना में 18 लोगों की मौत और सैंकड़ो लोग घायल हुए थे.

तेलंगाना हाईकोर्ट ने मंगलवार को हैदराबाद ब्लास्ट मामले में अपना अंतिम फैसला सुनाया. कोर्ट ने NIA यानी राष्ट्रीय जांच एजेंसी की स्पेशल कोर्ट के पहले दिए गए फैसले को ही बरकरार रखा है. कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए सभी 5 आरोपियों को मौत की सजा सुनाई है.

विस्फोट मामले पर अधिवक्ता मोहम्मद शुजाउल्लाह खान ने कहा कि हाई कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट की तरफ से पारित निर्णय की पुष्टि की है, जो ट्रायल कोर्ट के निर्णय की पुष्टि करता है. उन्होंने कहा कि मैं अभियुक्त संख्या 6 का वकील हूं. हम निश्चित रूप से सर्वोच्च न्यायालय में आदेश के खिलाफ अपील करने जा रहे हैं, क्योंकि हम अपने देश की न्याय प्रणाली में विश्वास करते हैं. निश्चित रूप से हम अपील करेंगे. क्योंकि निर्णय की प्रति अभी तक नहीं दी गई है और न्यायाधीश ने कहा है कि प्रतियां आज उपलब्ध होंगी.

21 फरवरी साल 2013 में हुआ था ब्लास्ट

21 फरवरी साल 2013 में तेलंगाना के दिलसुखनगर में टिफिन बॉक्स में रखे बम ब्लास्ट से 18 लोगों की मौत हो गई थी. इस घटना में में 130 से ज्यादा लोग घायल हुए थे. धमाके के आरोपियों ने एक ही दिन में दो जगहों पर बलास्ट की घटना का अंजाम दिया था. इसमें पहला ब्लास्ट बस स्टैंड के ठीक सामने हुआ था और दूसरा धमाका लगभग 150 मीटर की दूरी पर हुआ, जिसे इंडियन मुजाहिद्दीन ने प्लांट किया था.

इस घटना की जांच NIA ने की थी. राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने जांच में पाया कि इन धमाकों का मास्टरमाइंड इंडियन मुजाहिदीन नामक आतंकी संगठन का यासीन भटकल है, जिसका साथ अन्य 5 आरोपियों ने दिया था. कोर्ट में बहस के बाद इन सभी आरोपियों को मौत की सजा सुनाई गई थी. जिसे हाईकोर्ट में चुनौती दी गई. हालांकि कोर्ट ने NIA के फैसले को बरकरार रखा है. इस मामले में एक अन्य आरोपी सैयद मकबूल की मौत हो चुकी है.

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