नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने अपनी रजिस्ट्री से कहा है कि वह ट्रायल कोर्ट को निचली अदालत कहना बंद करे. कोर्ट ने कहा कि ट्रायल कोर्ट के रिकार्ड को भी निचली अदालत का रिकार्ड नहीं कहा जाना चाहिए.
जस्टिस अभय एस. ओका और जस्टिस उज्ज्वल भुइयां की पीठ ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली दो व्यक्तियों की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किया. हाई कोर्ट ने 1981 में हुई हत्या के एक मामले में उन्हें दोषी ठहराए जाने और आजीवन कारावास की सजा के खिलाफ उनकी याचिका खारिज कर दी थी.
पीठ ने आठ फरवरी को पारित अपने आदेश में कहा कि यह उचित होगा यदि इस न्यायालय की रजिस्ट्री ट्रायल कोर्ट को निचली अदालत के रूप में संदर्भित करना बंद कर दे. ट्रायल कोर्ट के रिकार्ड को निचली अदालत का रिकार्ड (एलसीआर) भी नहीं कहा जाना चाहिए. इसके बजाय, इसे ट्रायल कोर्ट रिकार्ड (टीसीआर) के रूप में संदर्भित किया जाना चाहिए. रजिस्ट्रार (न्यायिक) इस आदेश का संज्ञान लें. शीर्ष कोर्ट ने मामले की सुनवाई के लिए छह अगस्त की तारीख निर्धारित की. दोनों याचिकाकर्ताओं ने हाई कोर्ट के अक्टूबर 2018 के आदेश को चुनौती दी है, जिसने उनकी अपील खारिज कर दी थी और उन्हें शेष सजा काटने के लिए अदालत में आत्मसमर्पण करने के लिए कहा था.