भारतीय स्टेट बैंक ने बुधवार को चुनावी बॉन्ड मामले में सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दायर किया है, सुप्रीम कोर्ट को बताया कि उसने आदेश के मुताबिक, चुनावी बॉन्ड्स से जुड़ी जानकारियां निर्वाचन आयोग को सौंप दी हैं. बैंक की चेयरमैन ने कहा कि उनकी तरफ से आयोग को इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदने वालों के नाम के साथ-साथ कितने के बॉन्ड खरीदे गए.
15 मार्च 2024 तक खरीदे गए और कैश कराए गए चुनावी बॉन्ड का विवरण शामिल है. एसबीआई द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के मुताबिक एक अप्रैल 2019 से लेकर उसी साल 11 अप्रैल तक कुल 3346 बॉन्ड खरीदे गए. इनमें से कुल 1609 बॉन्ड कैश कराए गए.
एसबीआई के द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, 12 अप्रैल 2019 से 15 फरवरी 2024 तक कुल 22,217 चुनावी बॉन्ड खरीदे गए थे. 22,030 बॉन्ड कैश कराए गए. जिन बॉन्ड को किसी ने कैश नहीं कराया उनके रुपए पीएम रिलीफ फंड में ट्रांसफर कर दिए गए.” एसबीआई की ओर से इस बारे में जानकारी पासवर्ड प्रोटेक्टेड पीडीएफ फाइल के रूप में पेन ड्राइव के जरिए ईसी को सौंप दी है.
इससे पहले एसबीआई ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर मंगलवार शाम को निर्वाचन आयोग को उन संगठनों का विवरण सौंपा, जिन्होंने अब समाप्त हो चुके चुनावी बॉन्ड खरीदे थे और राजनीतिक दलों ने उन्हें प्राप्त किया था. शीर्ष अदालत ने सोमवार को एसबीआई को 12 मार्च को कामकाजी समय समाप्त होने तक निर्वाचन आयोग को चुनावी बॉन्ड का विवरण सौंपने का आदेश दिया था.
चुनाव आयोग कहा, ‘‘सुप्रीम कोर्ट के 15 फरवरी और 11 मार्च, 2024 के आदेश के सिलसिले में एसबीआई को दिए गए निर्देशों के अनुपालन में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने निर्वाचन आयोग को 12 मार्च को चुनावी बॉन्ड पर विवरण सौंपा है.’’
सुप्रीम कोर्ट ने 15 फरवरी को एक ऐतिहासिक फैसले में केंद्र की चुनावी बॉन्ड योजना को रद्द करते हुए इसे असंवैधानिक करार दिया और निर्वाचन आयोग को दानदाताओं, उनके द्वारा दान की गई राशि और प्राप्तकर्ताओं का खुलासा करने का आदेश दिया.
एसबीआई ने विवरण का खुलासा करने के लिए 30 जून तक का समय मांगा था. हालांकि शीर्ष अदालत ने बैंक की याचिका खारिज कर दी और उसे मंगलवार को कामकाजी समय समाप्त होने तक सभी विवरण निर्वाचन आयोग को सौंपने को कहा.