राजस्थान विद्युत निगम को आवंटित तीन कोयला खदान परियोजनाओं पर रोक

रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने सरगुजा क्षेत्र के हसदेव अरण्य में राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड (आरआरवीयूएनएल) को आवंटित तीन प्रस्तावित कोयला खदान परियोजनाओं पर कार्यवाही पर अगले आदेश तक रोक लगा दी है, हालांकि क्षेत्र केजिन खदानों में काम चल रहा है वे काम करती रहेंगी।

यह जानकारी सरगुजा के जिलाधिकारी संजीव झा ने दी। राज्य सरकार ने हाल ही में परसा खदान और पीईकेबी केदूसरे चरण के कोयला खनन परियोजनाओं के लिए अंतिम मंजूरी दी थी।

आगामी आदेश तक तीन परियोजनाएं स्‍थगित

जिलाधिकारी झा ने बताया कि तीन आगामी परियोजनाएं परसा, परसा पूर्व और कांते बासन (पीईकेबी) का दूसरा चरण और कांते एक्सटेंशन कोयला खदान को आगामी आदेश तक के लिए रोक दिया गया है। उन्होंने कहा कि मंत्री और स्थानीय विधायक टीएस सिंहदेव के प्रदर्शनकारियों के समर्थन में आने के बाद यह फैसला किया गया है, क्योंकि मुख्यमंत्री ने कहा था कि यदि मंत्री ऐसा नहीं चाहते हैं तो एक भी शाखा नहीं काटी जाएगी। उन्होंने कहा कि अब स्थानीय जनप्रतिनिधि की सहमति के बिना प्रक्रिया को आगे नहीं बढ़ाया जाएगा।

परसा कोयला खदान के लिए पेड़ों की कटाई पर रोक

जिलाधिकारी ने बताया कि पीईकेबी केदूसरे चरण की परियोजना से प्रभावित ग्रामीणों के पुनर्वास के लिए आठ जून को प्रस्तावित ग्राम सभा को रद कर दिया है। इसी तरह कांते एक्सटेंशन के पर्यावरण मंजूरी के लिए 13 जून को होने वाली जनसुनवाई को भी रद कर दिया गया है। कानूनी प्रक्रियाओं के अलावा, पीईकेबी के दूसरे चरण और परसा कोयला खदान के लिए पेड़ों की कटाई भी रोक दी गई है। जिलाधिकारी झा ने बताया कि तीनों खदानें आरआरवीयूएनएल को आवंटित की गई हैं और अडानी समूह माइन डेवलपर और आपरेटर (एमडीओ) के रूप में इससे जुड़ा है।

error: Content is protected !!