कुलगांव में छत्तीसगढ़ का पहला रूरल इंडस्ट्रीयल पार्क शुरू

रायपुर। छत्तीसगढ़ में गौठनों को रूरल इंडस्ट्रियल पार्क के रूप में विकसित करने की परिकल्पना अब धीरे-धीरे आकार लेने लगी है। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की ग्राम स्वराज्य की परिकल्पना के अनुरुप मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में गांवों में छोटे-छोटे कुटीर उद्योग स्थापित कर लोगों को रोजगार और आमदनी के साधन से जोड़ा जा रहा है। छत्तीसगढ़ के ऐसे पहले रूरल इंडस्ट्रियल पार्क ने कांकेर जिले के कुलगांव में आकार ले लिया है, जिसे गांधी ग्राम का नाम दिया गया है, वहां गौठान को रूरल इंडस्ट्रियल पार्क के रूप में विकसित करने का काम जिला प्रशासन कांकेर ने महिला स्वसहायता समूह के साथ बखूबी कर दिखाया है। यहां छोटे-छोटे कुटीर उद्योगों के लिए जरुरी अधोसंरचना विकसित की गई है और ग्रामीणों को जोड़कर उत्पादन का काम भी प्रारंभ हो चुका है। इस पार्क में 13 से अधिक आजीविका सम्बन्धी गतिविधियाँ संचालित की जा रही है। जिसमें महिला स्व-सहायता समूहों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराये जा रहे हैं। कुलगांव में वन विभाग ने ग्रामीणों के लिए लघु वनोपजों के वेल्यू एडिशन पर आधारित आवासीय प्रशिक्षण केंद्र भी शुरू किया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने हाल में ही भेंट-मुलाकात अभियान के दौरान कुलगांव गांधीग्राम में छत्तीसगढ़ के प्रथम रूरल इंडस्ट्रियल पार्क का लोकार्पण किया।

वन विभाग ने इंदिरा वन मितान समूह कुलगांव को गांधीग्राम ग्रामीण औद्योगिक पार्क की स्थापना के लिए चक्रीय निधी से 50 लाख रूपए का लोन दिया था। मुख्यमंत्री ने लोकार्पण के अवसर पर इस रूरल इंडस्ट्रियल पार्क की संकल्पना और स्वरूप तथा यहां आर्थिक गतिविधियों के सफल संचालन को देखते हुए समूह के लोन को माफ करने की घोषणा की। छत्तीसगढ़ के पहले रूरल इंडस्ट्रीयल पार्क में गांधी जी के ग्राम स्वराज की झलक देखने को मिल रही है। राज्य सरकार द्वारा ग्रामीण अर्थ व्यवस्था को मजबूत बनाने की पहल अब रंग ला रही है। राज्य के अन्य गौठानों को भी इसी तरह विकसित करने की योजना है। मुख्यमंत्री का मानना है कि गांवों की अर्थव्यस्था को मजबूत करके ही हम राज्य की अर्थ व्यवस्था को आगे बढ़ा सकते हैं। सरकार का पूरा ध्यान खेती-किसानी और गांव के लोगों को आर्थिक उत्पादन से जोड़ने पर है। गांव के उत्पाद का वेल्यूएडिशन कर लोगों के जीवन स्तर में बदलाव लाने के प्रयास किए जा रहे हैं। कृषि और उद्यानिकी उपजों के साथ ही लघुवनोपजों के वेल्यू एडिशन से रोजगार ने नए अवसरों का सृजन हो रहा है।

गांधी ग्राम कुलगांव परिसर में कृषि विज्ञान केन्द्र के सहयोग से मछली आहार बनाने की इकाई, मशरूम उत्पादन, स्पान उत्पादन की इकाईयां स्थापित की गई है। इसके अलावा यहां मछलीपालन, बकरी पालन, मुर्गीपालन और वर्मी कम्पोस्ट का उत्पादन किया जा रहा है। ये सभी कार्य स्थानीय स्व सहायता समूह के लोगों के द्वारा किए जा रहे हैं। गांधी ग्राम के इस गौठान में बनाए गए रूरल इंडस्ट्रीयल पार्क के लिए अधोसंरचना भी विकसित की गई है। इनमें इंटरलॉकिंग, सीसी रोड, डारमेंट्री, रेसीडेंसियल रूम, किचन हॉल, महिला स्व-सहायता समूह के कार्यशाला के लिए शेड का निर्माण, चबूतरा निर्माण, प्रशिक्षण कक्ष का निर्माण किया गया है। भूमिगत सिंचाई पाईपलाइन भी बिछाई गई है, अलंकृत उद्यान तैयार किया जा रहा है। यहां वन विभाग द्वारा लघु वनोपजों के प्रसंस्करण और वेल्यू एडिशन के लिए आवासीय प्रशिक्षण केन्द्र भी प्रारंभ किया गया है। इंदिरा वन मितान समूह को भी 50 लाख रूप्ए का ऋण दिया गया है। मुख्यमंत्री ने समूह के काम काज को देखते हुए इस ऋण को माफ करने की घोषणा भी कर दी है।

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