नई दिल्ली: बीते दिनों बिहार के कई जिलों में जहरीली शराब से मौत की खबरों से हलचल मची हुई है. यहां के छपरा जिला में जहरीली शराब के चलते हुई मौतों का आंकड़ा अब 66 से बढ़कर 70 हो गया है. गौरतलब है कि छपरा के अलावा सारण, सिवान और बेगुसराय से भी शराब के चलते मौतें हुई हैं.
वहीं जहरीली शराब मामले की जांच के लिए एसआईटी गठित कर दी गई है. एक अतिरिक्त एसपी इस टीम का नेतृत्व करेंगे. पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार ने मीडिया को बताया कि एसआईटी में कुल 31 पुलिस अफसरों को शामिल किया गया है. इसमें तीन डीएसपी स्तर के अधिकारी भी शामिल हैं. सारण के डीएम राजेश मीणा ने गुरुवार को बताया कि पिछले 48 घंटों में जिले भर में छापेमारी कर 126 शराब व्यापारियों को पकड़ा गया है. वहीं 4000 लीटर से ज्यादा अवैध शराब भी जब्त की गई है. इस मामले में कुछ लोगों को गिरफ्तार की बात भी सामने आई है.
इधर, बिहार विधानसभा में बोलते हुए सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि शराब से मौत होने पर किसी को भी मुआवजा नहीं दिया जाएगा. नीतीश ने एक बार फिर कहा कि शराब पियोगे तो मरोगे. उन्होंने कहा कि हम राष्ट्रपिता बापू के दिखाए रास्ते पर चल रहे हैं. दूसरे राज्यों में जहरीली शराब पीने से मौत हो रही हैं. बीजेपी ने शराबबंदी का समर्थन किया था.
इससे पहले बुधवार को भी बीजेपी ने इस मुद्दे पर विधानसभा में नीतीश सरकार को घेरा था. इस दौरान जहरीली शराब से मौत को लेकर विधानसभा में जमकर हंगामा हुआ. इसके बाद नीतीश कुमार को गुस्सा आ गया. वे बीजेपी पर आगबबूला होते नजर आए. नीतीश कुमार ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि आप सभी पहले शराबबंदी के पक्ष में थे. अब क्या हो गया है?
बिहार में जहरीली शराब पीने से हुई मौतों के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने जल्द सुनवाई से इनकार कर दिया है. छपरा में हुईं मौतों के मामले में सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई थी, जिसमें एसआईटी से जांच कराने और पीड़ितों को मुआवजा दिए जाने की मांग की गई थी.