नई दिल्ली. केंद्र सरकार राम सेतु को जल्द राष्ट्रीय स्मारक घोषित कर सकती है. रामसेतु को राष्ट्रीय स्मारक के रूप में मान्यता देने की मांग वाली सुब्रमण्यम स्वामी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को सुनवाई हुई. इस मामले में केंद्र सरकार ने कोर्ट में कहा है कि रामसेतु के राष्ट्रीय स्मारक घोषित करने की प्रक्रिया चल रही है. वहीं सुब्रमण्यम स्वामी ने कोर्ट में बताया कि इसे लेकर संस्कृति मंत्रालय ने बैठक भी की थी. तत्कालीन मंत्री प्रह्लाद पटेल ने इस मुद्दे पर चर्चा भी की थी. फिर बाद में उन्हें दूसरे मंत्रालय का चार्ज दे दिया गया.
वहीं भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि मैं और जस्टिस पारदीवाला एक कोरम में आदेश पारित करेंगे. वहीं न्यायमूर्ति नरसिम्हा का कहना है कि वे सेतु समुद्रम परियोजना मामले में तमिलनाडु का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं. इस वजह से वे इस मामले की सुनवाई नहीं कर सकते.
मंत्रालय को अतिरिक्त सबूत देने का निर्देश
वहीं कोर्ट ने सुब्रमण्यम स्वामी से कहा कि वे मामले से जुड़े अतिरिक्त सबूत मंत्रालय में दे सकते हैं. इस पर स्वामी ने कहना था कि वे मंत्रालय को पहले भी कई पत्र भेज चुके हैं. लेकिन उन्हें किसी का जवाब नहीं मिला है. मालूम हो कि सुब्रमण्यम स्वामी ने राम सेतु को ऐतिहासिक स्मारक के रूप में मान्यता देने के लिए एक याचिका दायर की थी. अपनी याचिका में उन्होंने कहा था कि राम सेतु लाखों हिंदुओं की आस्था से जुड़ा हुआ है. इस वजह से इसे तोड़ा नहीं जाना चाहिए. साथ ही उन्होंने राम सेतु को राष्ट्रीय धरोहर घोषित करने की भी मांग की थी.
स्वामी का कहना है कि कोर्ट ने केंद्र सरकार को एक दिसंबर तक हलफनामा दाखिल कर अपना रुख स्पष्ट करने के लिए कहा था, लेकिन केंद्र की ओर से कोई हलफनामा दाखिल नहीं किया गया. उनका कहना है कि इसके बाद कोर्ट ने कैबिनेट सेक्रेटरी को तलब किया. इस पर सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि हलफनामा तैयार किया जा रहा है. फरवरी के पहले हफ्ते तक इसे पूरा कर लिया जाएगा.