बता दें कि शुक्रवार को पंजाब कांग्रेस के नेता ने एक ट्वीट किया था कि उन्हें “संबंधित अधिकारियों” द्वारा सूचित किया गया था कि उन्हें आज रिहा कर दिया जाएगा. कांग्रेस नेता को रोड रेज मामले में एक साल की सजा दी गई थी, और मई में रिहा होना था, लेकिन ‘अच्छे व्यवहार’ के कारण उन्हें जल्दी रिहा किया जा रहा है.
सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल मई में 59 वर्षीय राजनेता के लिए एक साल के ‘कठोर कारावास’ का आदेश दिया था, जो 1988 में सिद्धू और उनके दोस्त के साथ झगड़े के बाद मारे गए एक व्यक्ति के परिवार की याचिका के बाद आया था. कड़ी सजा और हत्या के आरोप से बरी करने वाले सुप्रीम कोर्ट के 2018 के आदेश की समीक्षा की मांग की.
27 दिसंबर, 1988 को सिद्धू का पटियाला निवासी 65 वर्षीय गुरनाम सिंह से पार्किंग स्थल को लेकर विवाद हो गया. सिद्धू और उनके दोस्त रूपिंदर सिंह संधू ने कथित तौर पर गुरनाम सिंह को अपनी कार से बाहर खींच लिया और उन्हें मारा. बाद में एक अस्पताल में उनकी मृत्यु हो गई. सिद्धू पर एक चश्मदीद ने गुरनाम सिंह की सिर पर वार कर हत्या करने का आरोप लगाया था.
सुप्रीम कोर्ट ने 2018 में सिद्धू को एक व्यक्ति को स्वेच्छा से चोट पहुंचाने के लिए 1,000 रुपये का जुर्माना देने का आदेश दिया था. लेकिन बाद में अदालत ने अपने स्वयं के आदेश की समीक्षा करते हुए कहा कि वह सिद्धू को जेल में डालना “उचित” मानती है, यह कहते हुए कि यदि किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है तो “कुछ संगीन दोष” जुड़ा होना चाहिए.