अध्यादेश के खिलाफ लड़ाई में केजरीवाल को मिला पवार का साथ,बोले…….

BJP Vs AAP: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गुरुवार को मुंबई में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के अध्यक्ष शरद पवार से मुलाकात की. केजरीवाल ने दिल्ली में सेवाओं के कंट्रोल पर केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ आप की लड़ाई के लिए शरद पवार से समर्थन मांगा. बैठक के बाद एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में केजरीवाल ने कहा, अध्यादेशों का इस्तेमाल कर चुनी हुई सरकारों को काम नहीं करने दिया जा रहा है, यह देश के लिए अच्छा नहीं है.

दिल्ली में सेवाओं पर नियंत्रण को लेकर केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ आप की लड़ाई को समर्थन देने के लिए केजरीवाल ने शरद पवार का शुक्रिया अदा किया. सीएम ने आगे कहा, शरद पवार ने हमें आश्वासन दिया है कि जब  ये(दिल्ली सरकार के खिलाफ केंद्र के अध्यादेश को बदलने वाला) बिल राज्यसभा में आएगा तो इस बिल को वहां पास नहीं होने देंगे. ये दिल्ली की लड़ाई नहीं है, ये पूरे संघीय संरचना की लड़ाई है.

केजरीवाल के समर्थन में उतरे पवार

केजरीवाल का समर्थन करते हुए शरद पवार ने कहा,  यह संसदीय लोकतंत्र के अस्तित्व की लड़ाई का वक्त है. यह सुनिश्चित करना हमारा दायित्व है कि सभी गैर-भाजपाई दल अरविंद केजरीवाल का समर्थन करें. बयान में शरद पवार ने कहा, ‘देश में संकट है और यह दिल्ली तक सीमित मुद्दा नहीं है. एनसीपी और महाराष्ट्र की जनता केजरीवाल का समर्थन करेगी. हम केजरीवाल का समर्थन करने के लिए अन्य नेताओं से भी बात करेंगे. हमें सभी गैर-बीजेपी पार्टियों को एक साथ लाने पर ध्यान देना चाहिए.’

उद्धव-ममता से भी मिले थे केजरीवाल

गौरतलब है कि पवार से मुलाकात के दौरान केजरीवाल के साथ पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान भी थे.  केजरीवाल मुंबई के दो दिवसीय दौरे पर हैं. बुधवार को केजरीवाल ने महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे से उनके ब्रांद्रा स्थित घर पर मुलाकात की थी. मुलाकात के दौरान उन्होंने दिल्ली में सेवाओं के नियंत्रण पर केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ आप की लड़ाई के लिए उनका समर्थन मांगा था. केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ समर्थन जुटाने के लिए केजरीवाल और मान ने मंगलवार को कोलकाता में बंगाल की सीएम ममता बनर्जी से मुलाकात की थी.

केंद्र ने पिछले शुक्रवार को दिल्ली में ग्रुप-ए अफसरों की पोस्टिंग और ट्रांसफर को लेकर एक प्राधिकरण बनाने के लिए एक अध्यादेश जारी किया. आप सरकार ने इस कदम को सेवाओं के नियंत्रण पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के साथ धोखा बताया.

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