भारत के लिए ऐतिहासिक दिन! शुभांशु शुक्ला आज रवाना होंगे स्पेस स्टेशन, 41 साल बाद कोई भारतीय एस्ट्रोनॉट अंतरिक्ष में जाएगा

Shubhanshu Shukla Axiom-4 Mission: भारत के लिए आज का दिन ऐतिहासिक होने वाला है। भारतीय गगनयात्री ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला आज यानी बुधवार यानी आज इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) के लिए रवाना हो रहे हैं। भारत के शुभांशु शुक्ला और तीन अन्य अंतरिक्ष यात्रियों को लेकर एक्सिओम-4 मिशन, कैनेडी स्पेस सेंटर के कॉम्प्लेक्स 39ए से आज दोपहर करीब 12 बजे उड़ान भरेगा। 28 घंटे की यात्रा के बाद, अंतरिक्ष यान गुरुवार को शाम करीब 04:30 बजे के इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) से डॉक होने की उम्मीद है। राकेश शर्मा के बाद 41 साल बाद कोई भारतीय एस्ट्रोनॉट (Indian Astronaut) अंतरिक्ष में जाएगा।

ऐसा करते ही वो आईएसएस का दौरा करने वाले पहले भारतीय बन जाएंगे। वहीं राकेश शर्मा के 1984 के मिशन के बाद अंतरिक्ष में जाने वाले दूसरे भारतीय बन जाएंगे।

स्पेसएक्स (SpaceX) ने ऐलान किया है कि आज बुधवार को होने वाले संभावित उड़ान के लिए मौसम 90 फीसदी अनुकूल है। स्पेसएक्स, जो इस अंतरिक्ष मिशन के लिए ट्रांसपोर्ट की सुविधा दे रहा है, ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर अपने एक पोस्ट में कहा, “बुधवार को एक्सिओम_स्पेस के Ax-4 mission के स्पेस स्टेशन पर प्रक्षेपण के लिए सभी सिस्टम अच्छे दिख रहे हैं और उड़ान के लिए मौसम भी 90% अनुकूल भी दिख रहा है।

फ्लोरिडा के कैनेड स्पेस सेंटर होगा लॉन्च

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने कहा, “नासा, एक्सिओम स्पेस (Axiom Space) और स्पेसएक्स (SpaceX) अब अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के लिए चौथे प्राइवेट अंतरिक्ष यात्री मिशन, एक्सिओम मिशन 4 के प्रक्षेपण के लिए आज बुधवार, 25 जून को भारतीय समयानुसार दोपहर 12.01 बजे का टॉरगेट सेट कर रहे हैं। यह मिशन फ्लोरिडा में नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर में लॉन्च कॉम्प्लेक्स 39ए से उड़ान भरेगा। कंपनी के फाल्कन 9 रॉकेट पर लॉन्च होने के बाद चालक दल एक नए स्पेसएक्स ड्रैगन अंतरिक्ष यान पर ओरबिटिंग लैबोरेटरी की यात्रा करेगा।

6 बार टाला गया एक्सियम-4 मिशन

  1. 29 मई को ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट के तैयार नहीं होने के कारण लॉन्चिंग टाल दी गई।
  2. इसे 8 जून को शेड्यूल किया गया। फाल्कन-9 रॉकेट लॉन्च के लिए तैयार नहीं था।
  3. नई तारीख 10 जून दी गई। फिर से इसे मौसम खराब होने की वजह से टाला गया।
  4. चौथी बार 11 जून को मिशन शेड्यूल किया गया। इस बार आक्सीजन लीक हो गई।
  5. नई तारीख 19 जून दी गई। मौसम की अनिश्चितता, क्रू मेंबर्स की सेहत के कारण टल गया।
  6. छठी बार मिशन को 22 जून के लिए शेड्यूल किया गया। ISS के ज्वेज्दा सर्विस मॉड्यूल के मूल्यांकन करने के लिए अतिरिक्त समय चाहिए था। इसलिए मिशन टल गया।

तारे भी हासिल किए जा सकते हैं…’, मिशन की लॉन्चिंग से पहले बोले शुभांशु शुक्ला

लॉन्चिंग से पहले शुभांशु शुक्ला ने कहा, “मैं भारत के लोगों से कहना चाहता हूं कि यह मिशन एक मील का पत्थर है और मैं भारत से इस मिशन की सफलता के लिए प्रेयर करने की गुजारिश करता हूं. यहां तक ​​कि तारे भी हासिल किए जा सकते हैं। शुभांशु शुक्ला भारतीय वायु सेना में ग्रुप कैप्टन के रूप में काम करते हैं। अंतरिक्ष में अपनी सबसे प्रतीक्षित और चुनौतीपूर्ण उड़ान के लिए पूरी तरह तैयार हैं। वहीं, पूरा देश लॉन्चिंग का इंतजार कर रहा है।

कौन हैं शुभांशु शुक्ला?

शुभांशु का जन्म 1986 में उत्तर प्रदेश के लखनऊ में हुआ था। उन्होंने अपनी पढ़ाई राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (NDA) से की। वह 2006 में वायु सेना में शामिल हुए और फाइटर जेट्स उड़ाने का अनुभव रखते हैं। उन्हें ISRO के गगनयान मिशन के लिए भी चुना गया है, जो भारत का पहला मानव अंतरिक्ष मिशन है। अंतरिक्ष यात्री बनने के लिए उन्होंने रूस और अमेरिका में खास ट्रेनिंग ली। इसमें उन्होंने माइक्रोग्रैविटी में काम करना, इमरजेंसी हैंडलिंग, और वैज्ञानिक प्रयोग सीखे।

शुभांशु ISS पर क्या करेंगे?

शुभांशु वहां 14 दिनों तक रहेंगे और 7 प्रयोग करेंगे, जो भारतीय शिक्षण संस्थानों ने तैयार किए हैं। इनमें ज्यादातर बायोलॉजिकल स्टडीज होंगी, जैसे कि अंतरिक्ष में मानव स्वास्थ्य और जीवों पर असर देखना। इसके अलावा, वो NASA के साथ 5 और प्रयोग करेंगे, जो लंबे अंतरिक्ष मिशनों के लिए डेटा जुटाएंगे। इस मिशन में किए गए प्रयोग भारत के गगनयान मिशन को मजबूत करेंगे।

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