तुर्की: भारतीय सेना ने भूकंप प्रभावित लोगों की सहायता के लिए तुर्की के हटे (Hatay) में एक फील्ड अस्पताल स्थापित किया है. छह घंटे से भी कम समय में स्थापित, अस्पताल घायलों के इलाज के लिए चौबीसों घंटे काम कर रहा है. तुर्की और सीरिया में सोमवार को आए विनाशकारी भूकंप से मरने वालों की संख्या बढ़कर 28,000 से अधिक हो गई है. बचाव दल शून्य से नीचे तापमान के बावजूद पूरे तुर्की में मलबे में बचे लोगों की तलाश कर रहे हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख टेड्रोस अदनोम घेब्रेयसस ने चेतावनी दी कि हजारों घायलों और अभी भी फंसे लोगों के लिए समय निकलता जा रहा है.
भारतीय सेना के ‘ऑपरेशन दोस्त’ के हिस्से के रूप में स्थापित एक फील्ड अस्पताल ने संचालन शुरू कर दिया है. फील्ड अस्पताल में तुर्की के भूकंप से पीड़ित लोगों की मदद के लिए सर्जरी और आपातकालीन कमरे हैं. अस्पताल हटे प्रांत में स्थित है. 60 पैरा फील्ड अस्पताल भारतीय सेना के पैरा-ब्रिगेड का एक हिस्सा है, जिसने एक स्कूल भवन में अपना अस्पताल स्थापित किया.
एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय सेना के 96 जवानों की एक टीम को चिकित्सा सहायता प्रदान करने के लिए हटे के इस्केंडरन तैनात किया गया है. 60 पैरा फील्ड अस्पताल के कमांडिंग ऑफिसर लेफ्टिनेंट कर्नल यदुवीर सिंह ने बताया कि, “अस्पताल में लगभग 800 लोगों का इलाज किया गया है.” कर्नल सिंह का कहना है कि जब तक जरूरत होगी वे मरीजों को लेने के लिए तैयार हैं. 60 पैरा फील्ड अस्पताल के सेकेंड इन कमांड लेफ्टिनेंट कर्नल आदर्श का कहना है कि वे पहले ही अस्पताल में 10 बड़ी सर्जरी कर चुके हैं. कई लोगों ने सेना के इस प्रयास की सराहना की है. अस्पताल में इलाज करा रहे एक मरीज ने हिंदुस्तान का धन्यवाद किया. पीड़ित ने कहा, “हमें खुशी है कि आप यहां हैं.
इस हफ्ते की शुरुआत में, एक तुर्की महिला की भारतीय सेना की महिला सैनिक के चेहरे को चूमते हुए एक तस्वीर ऑनलाइन वायरल हो रही थी. पोस्ट को भारतीय सेना के अतिरिक्त लोक सूचना महानिदेशालय (ADG PI) के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से साझा किया गया था. उन्होंने कैप्शन में लिखा था, “वी केयर”
बता दें कि तुर्की-सीरिया में सोमवार को आए 7.8-तीव्रता के भूकंप ने भयंकर तबाही मचा दी है. अधिकारियों की रिपोर्ट के अनुसार, भूकंप से सीरिया में 3,574 और तुर्की में 24,617 लोग मारे गए, जिससे मरने वालों की संख्या 28,191 हो गई. सरकार ने कहा है कि सात शहरों में सार्वजनिक अस्पतालों सहित लगभग 6,000 इमारतें ढह गईं. यह भूकंप भोर में आया था जब लोग सो रहे थे. विनाशकारी भूकंप से हजारों की संख्या में लोग मलबे में दब गए और लाखों लोग प्रभावित हुए.