रायपुर. यह कैसी विडंबना है कि एक ही योजना में कार्य करने वाले कर्मचारियों के भाग्य अलग-अलग प्रदेशों में भिन्न भिन्न है. एक ओर मध्यप्रदेश में जहां मनरेगा योजना में कार्य करने वाले कर्मचारी अपना नया वेतनमान निर्धारण से खुशियां मना रहे हैं, वहीं छत्तीसगढ़ में 3 माह से वेतन नहीं मिलने के कारण रोजी रोटी की समस्या से जूझ रहे हैं. इसकी जानकारी होने ही डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने विभागीय अधिकारी को वेतन जारी करने के निर्देश दिए.
मनरेगा कर्मचारियों ने उपमुख्यमंत्री एवं पंचायत मंत्री विजय शर्मा से मुलाकात की और अपनी 3 माह से वेतन नहीं मिलने की स्थिति से अवगत कराया. इस पर उपमुख्यमंत्री ने विभाग के आला अफसरों से तत्काल संपर्क कर वेतन जारी करने के निर्देश दिए. छत्तीसगढ़ मनरेगा कर्मचारी महासंघ के प्रांताध्यक्ष अशोक कुर्रे ने बताया कि मनरेगा कर्मचारियों को विगत 3 माह से वेतन नहीं मिला है, जिसके कारण कर्मचारियों की माली हालत दिन ब दिन खराब होती जा रही है. इससे उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा को अवगत कराया गया, जिस पर उन्होंने तत्काल कार्यवाही का आश्वासन देते हुए अधिकारियों को वेतन जारी करने निर्देश दिए.
5 सालों में 27 प्रतिशत ही हुई वेतन वृद्धि
प्रांताध्यक्ष कुर्रे ने कहा, विगत 5 साल में प्रदेश में मनरेगा कर्मचारियों के साथ न्याय नहीं किया गया है. हमारा वेतन जो पहले प्रत्येक दो वर्ष में बढ़ता था इस प्रकार कुल 48 प्रतिशत की वेतन वृद्धि 5 साल में मिलनी थी, किंतु इसके विपरित कांग्रेस कार्यकाल के 5 वर्षों में मात्र 27 प्रतिशत वेतन वृद्धि हुई है. वहीं पड़ोसी राज्य मध्यप्रदेश में एक बार पुनः वेतन निर्धारण कर उन्हें अच्छा वेतन दिया जा रहा है.
कार्रवाई का डर दिखाने से कर्मचारी निराश
उन्होंने कहा, मनरेगा कर्मचारियों से किसी तरह का अन्य कार्य नहीं लिए जाने के शासन के निर्देश हैं, किंतु इन कर्मचारियों से वर्तमान में प्रधानमंत्री आवास योजना, स्वच्छ भारत मिशन जैसे महत्वपूर्ण योजनाओं की राज्य व जिला स्तर पर समीक्षा की जा रही है. लक्ष्य पूर्ण न होने की स्थिति में काईवाई का डर भी बनाया जा रहा है, जिसके कारण कर्मचारियों में हताशा और निराशा व्याप्त है. ऐसी ही परिस्थितियों के चलते कांग्रेस कार्यकाल में एक बड़ा आंदोलन करना पड़ा था.