राजनांदगांव। पूरे जैन समाज के लिए आज का दिन बेहद कष्टप्रद है. क्योंकि जैन मुनि आचार्य विद्यासागर जी महाराज ने समाधि ले ली है. तीन दिन के उपवास के बाद ‘वर्तमान के वर्धमान’ कहे जाने वाले जैन मुनि आचार्य विद्यासागर जी महाराज ने छत्तीसगढ़ के डोंगरगढ़ तीर्थ स्थल पर समाधि ली. उन्होंने तीन दिन पहले समाधि मरण की प्रक्रिया की शुरुआत की थी. जिसके बाद उन्होंने अन्न-जल का त्याग कर दिया था. मिली जानकारी के अनुसार शनिवार 17 फरवरी की देर रात 2.35 बजे दिगंबर मुनि परंपरा के आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज ने अपना शरीर त्यागा.
देश भर से डोंगरगढ़ पहुंच रहे शिष्य
आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के शरीर त्यागने की खबर मिलने के बाद जैन समाज के लोगों में शोक की लहर है. देश भर से उनके शिष्यों का डोंगरगढ़ में जुटना शुरू हो गया है. जहां आज दोपहर 1 बजे उनका अंतिम संस्कार होगा. मुनि श्री संभव सागर जी महाराज, समता सागर, महासागर जी महाराज, पूज्य सागर जी, निरामय सागर डोंगरगढ़ में ही हैं. लगभग 400 ब्रम्हचारी भैया और 350 दीदी पूरे देश के अलग-अलग हिस्सों से यहां पहुंच चुके हैं.
पीएम मोदी ने भी दी श्रद्धांजलि
आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के अंतिम संस्कार में बड़ी संख्या में लोगों के पहुंचने की उम्मीद है. ऐसे में चंद्रागिरी में व्यवस्था बनाने के लिए राजनांदगांव पुलिस बल भारी संख्या में तैनात है. जैन मुनि विद्यासागर जी महाराज के समाधि लेने की खबर मिलते ही कई नेताओं ने उन्हें श्रद्धाजंलि देते हुए सोशल मीडिया पर लिखा है. जिसमें पीएम मोदी भी शामिल हैं.
विद्यासागर जी का ब्रह्मालीन होना अपूरणीय क्षतिः पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोशल मीडिया पर लिखा- आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महाराज जी का ब्रह्मलीन होना देश के लिए एक अपूरणीय क्षति है. लोगों में आध्यात्मिक जागृति के लिए उनके बहुमूल्य प्रयास सदैव स्मरण किए जाएंगे. वे जीवनपर्यंत गरीबी उन्मूलन के साथ-साथ समाज में स्वास्थ्य और शिक्षा को बढ़ावा देने में जुटे रहे। यह मेरा सौभाग्य है कि मुझे निरंतर उनका आशीर्वाद मिलता रहा. पिछले वर्ष छत्तीसगढ़ के चंद्रगिरी जैन मंदिर में उनसे हुई भेंट मेरे लिए अविस्मरणीय रहेगी. तब आचार्य जी से मुझे भरपूर स्नेह और आशीष प्राप्त हुआ था. समाज के लिए उनका अप्रतिम योगदान देश की हर पीढ़ी को प्रेरित करता रहेगा.